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अयोध्या में सार्वजनिक स्थलों पर TV चैनलों की बहस पर सरकार ने लगाई रोक

अयोध्या में सार्वजनिक स्थलों पर TV चैनलों की बहस पर सरकार ने लगाई रोक
अयोध्या :हिन्दुस्तान का सबसे पुराना और बहुचर्चित मामले को लेकर तरह तरह की प्रकिया आ रही हैं ,हालाँकि अभी निर्णय नहीं आया लेकिन प्रशासन अभी से सख्त नज़र आ रहा हैं,सुप्रीम कोर्ट का यह मामला 17 नवंबर को न्यायाधीश रंजन गोगोई की सेवानिवृत्त के साथ ही खत्म होने वाला हैं |
दरअसल अयोध्या ज़मीन विवाद केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले स्थानीय प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर TV न्यूज़ चैनेलो की बहस पर रोक लगा दी हैं | साथ ही,प्रशासन ने चैनलों की बहस में अयोध्या मामले के पक्षकारों को बुलाने पर भी रोक लगाई है | बकौल जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने यह कहा ये आदेश समाचार रिपोर्टिंग को प्रभावित नहीं करेगा |
भारत देश का सबसे बड़ा और लंबा फ़ैसला -देश के इतिहास की दूसरी सबसे लंबी सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अयोध्या (Ayodhya) राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद ज़मीन विवाद पर सुनवाई पूरी कर ली थी. यह लगातार चालीस दिन तक चली देश के इतिहास की दूसरी सबसे लंबी सुनवाई के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया गया. फैसला 17 नवंबर तक आ सकता है. वहीं, अयोध्या पर मध्यस्थता पैनल ने सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंप दी. सूत्रों के मुताबिक़, सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित जमीन पर दावा छोड़ने को तैयार. सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड दूसरी जगह मस्जिद बनाने को राजी हो गया है.
- फैसला सुरक्षित रखने जाने के बाद अयोध्या में जगह-जगह पुलिस ने बैरियर लगा दिए हैं. गाड़ियों को रोककर लोगों की तलाशी ली जा रही है. इसके अलावा यहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दीवाली मनाने आने वाले हैं, ऐसे में भी सुरक्षा मजबूत की गई है. यूपी के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है, 'सुरक्षा की व्यवस्था व्यापक होगी. पिछली बार भी हम लोगों ने किया था. क्योंकि इस साल विशाल स्तर पर किया जा रहा है. पूरी व्यवस्था होगी. पैरा मिलिट्री फोर्स, पीएसी, पुलिस सभी की व्यवस्था होगी.'
- 17 नवंबर को न्यायाधीश रंजन गोगोई की होगी सेवानिवृत्त
- हालांकि, 14 अक्टूबर को सुनवाई शुरू होने पर न्यायालय ने कहा कि यह 17 अक्ट्रबर तक पूरी की जायेगी. लेकिन 15 अक्टूबर को पीठ ने यह समय सीमा घटाकर 16 अक्टूबर कर दी थी. राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील इस मुद्दे पर 17 नवंबर से पहले ही फैसला आने की उम्मीद है क्योंकि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई इस दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं.