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एक एक कर जान देने को मजबूर अतिथिविद्वान,अब तक नहीं खुली सरकार की आंखें.

एक एक कर जान देने को मजबूर अतिथिविद्वान,अब तक नहीं खुली सरकार की आंखें.

भोपाल:- मध्य प्रदेश में 1 साल से ऊपर समय से अतिथि विद्वान आर्थिक तंगी का सामना कर रही है. उनकी लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है. हाल ही में एक और अतिथिविद्वान की मौत हो गई. फिर भी सरकार इनकी सुध नहीं ले रही.

स्थिति बिगड़ती जा रही है. मप्र के लगभग सभी जिलों में lockdown लगा दिया गया है.ऐसे में पहले से आर्थिक तंगी के शिकार हुए अतिथिविद्वान और संकट में पड़ चुके हैं ना कमाई का कोई जरिया बचा है ना सरकार मदद कर रही है . लम्बे समय तक कम मानदेय में सेवा देने वाले अतिथिविद्वानों का साथ कोई भी नहीं दे रहा है.
 

 बार-बार फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों को बरगलाने की कोशिश की जा रही है. मंत्री यह बात कहते हैं कि सब कुछ सीएम शिवराज के हाथ में है. और जब तक उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आता तब तक कुछ नहीं हो सकता है.

सीएम शिवराज ने फॉलेन आउट अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा कि हम सरकार से लगातार गुहार लगा रहे हैं. एक एक कर आत्महत्या करने को फॉलेन आउट अतिथि विद्वान मौजूद है.

 लेकिन सरकार हमारी बिल्कुल भी सुध नहीं ले रही है.

 हाल ही में फालेन आउट महिला अतिथि विद्वानों ने एक वीडियो जारी कर सीएम शिवराज सिंह चौहान को आधुनिक भगवान का दर्जा दिया था.

 सीएम के सामने अपनी मांग रखते हुए कहा था कि आप इस वक्त हमारे आधुनिक भगवान हैं. शिवराज सिंह चौहान अतिथिविद्वानों के मुद्दे पर अगर कोई बात होती है तो जवाब देने से बचते नजर आते हैं.

 देखना होगा कि आगे आने वाले समय में अतिथि विद्वानों को और कितना इंतजार करना है

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