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एक तरफ प्रदेश में यूरिया पर हाहाकार, देखिये शिवराज और कमलनाथ का ट्विटर पर वार

प्रदेश में यूरिया की कमी के बीच ट्विटर पर कमलनाथ और शिवराज सिंह के बीच घमासान शुरू हो चूका है। दोनों एक-दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति कर रहें हैं। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट करके बीजेपी नेताओं को आड़े हाथ लिया है। ट्विटर पर इनका यह वाकयुद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन किसानों को बहसबाज़ी नहीं किन्तु यूरिया से मतलब है। इसी बीच कमलनाथ जी , शिवराज सिंह और दिग्विजय सिंह के बीच बहस जारी है।     

रबी मौसम के लिए यूरिया की मांग को देखते हुए हमने केन्द्र सरकार से 18 लाख मिट्रीक टन यूरिया की मांग की थी परंतु केन्द्र सरकार द्वारा यूरिया के कोटे में कमी कर दी गयी।  एक साथ मांग आने तथा केन्द्र  सरकार द्वारा हमारे यूरिया के कोटे में कमी कर देने के कारण वितरण में जरूर कुछ स्थानों पर किसान भाइयों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है लेकिन हम लगातार यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर प्रयासरत हैं और केंद्र सरकार से प्रदेश का यूरिया का कोटा बढ़ाने को लेकर निरंतर हमारे प्रयास जारी है। भाजपा यदि सच्ची किसान हितैषी है तो उसे इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय अपनी केंद्र सरकार पर दबाव डालकर प्रदेश की मांग अनुसार यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करवाना चाहिये :- मुख़्यमंत्री कमलनाथ

कमलनाथ जी, आपकी सरकार प्रदेश में यूरिया की व्यवस्था करने में बुरी तरह फेल हुई है। कृपया अपनी असफलता का ठीकरा और कहीं न फोड़ें। जब भाजपा की सरकार थी, तब हम एडवांस और डीटेल्ड प्लानिंग करते थे, रबी व खरीफ की फसल के लिए कितना यूरिया लगेगा,इसका आँकलन करते थे व अग्रिम भंडारण करते थे। किसानों को पहले ही सूचित कर दिया जाता था कि तीन माह पहले ही अपना खाद उठा कर घर ले जाएँ। चूँकि किसान तीन माह पहले ही खाद उठा लेता था, तो उसका ब्याज भी सरकार भरती थी। इसके कारण मध्यप्रदेश में यूरिया का संकट कभी नहीं आया और किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया मिला। आपकी सरकार सोती रही, किसी ने कोई प्लानिंग नहीं की। खाद आया भी तो कुप्रबंधन के कारण ढंग से किसानों को आपूर्ति नहीं हो पाई, खाद की कालाबाज़ारी हुई। व्यवस्था ठीक कीजिये, केवल दूसरे के सर पर ठीकरा मत फोड़िये :- शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री

कमलनाथ जी, आपकी सरकार प्रदेश में यूरिया की व्यवस्था करने में बुरी तरह फेल हुई है। कृपया अपनी असफलता का ठीकरा और कहीं न फोड़ें। जब @BJP4MP की सरकार थी, तब हम एडवांस और डीटेल्ड प्लानिंग करते थे, रबी व खरीफ की फसल के लिए कितना यूरिया लगेगा,इसका आँकलन करते थे व अग्रिम भंडारण करते थे। https://t.co/Ac6wxP69Un

— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) December 10, 2019

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वहीँ यूरिया की भारी किल्लत के बिच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का बयान भी सामने आया है :- मप्र ने 29 में से 28 भाजपा के सांसद चुन कर भेजे हैं वे सब यूरिया की कमी पर चुप क्यों हैं ? केन्द्र सरकार से अधिक यूरिया की मॉंग क्यों नहीं करते ? :- दिग्विजय सिंह

खैर नेताओं के ये वाकयुद्ध तो चलते रहेंगें लेकिन देखना यह होगा कि किसानों को यूरिया की आपूर्ति कबतक हो पाती है।  बाकि तो इन नेताओं की राजनीति चलती रहेगी।

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