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मध्यप्रदेश/ शिवराज ने कांग्रेस नेताओं की तुलना राक्षसों से की, कैलाश बोले- जेएनयू का वायरस राजगढ़ में, यहां की कलेक्टर वहीं के देन हैं

 

राजगढ़: भाजपा(bjp) महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राजगढ़(rajgarh) के ब्यावरा में कहा कि मैंने सुना है कि 'जेएनयू का वायरस' यहां भी आ गया है। मुझे जानकारी लगी है कि जेएनयू से पढ़ीं महिला ही इस जिले की कलेक्टर(collector) हैं। यहां की जनता जानती है कि वायरस(virus) को समाप्त करने के लिए क्या करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि देश विरोधी नारे लगने की घटनाएं जेएनयू(jnu) में सामने आती हैं। वहां पर तिरंगा का विरोध भी किया जाता है। इसलिए यहां पर तिरंगे झंडे को थामे कार्यकर्ताओं का अपमान किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस नेताओं की तुलना राक्षसों(demons) से करते हुए कहा- सुन लो कमलनाथ, तुम्हारी लंका को हम जलाकर राख कर देंगे। उन्होंने कहा अपनी तरफ से भाजपा के कार्यकर्ता किसी को छेड़ते नहीं हैं, लेकिन जब कोई हमें छेड़ देता है, तो हम छोड़ते नहीं हैं। उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वे भाजपा कार्यकर्ताओं को हल्के में नहीं लें, अन्यथा उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।  

शिवराज ने कहा- प्रशासनिक अधिकारी को किसी को थप्पड़ मारने की इजाजत नहीं होती है, यह जनता के मुंह पर नहीं है बल्कि लोकतंत्र(democracy) के चेहरे पर तमाचा है। इसलिए हमारी मांग है कि जिसने तमाचा मारा है, उस पर एफआईआर(fir) दर्ज की जाए। हम शांति बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन अन्याय और अत्याचार हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे। नागरिकता कानून तो लागू होगा और अपने मुस्लिम भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि आपको डरने की जरूरत नहीं है। यह देश आपका है और इसमें किसी के खिलाफ कुछ नहीं है।

आपको ये अधिकार किसने दिया

चौहान ने कहा- मैडम, आपको किसने अधिकार दिया था, प्रशासनिक अधिकारी आप हैं, क्या आपको संविधान अधिकार देता है कि जब चाहें किसी को भी थप्पड़ जड़ दें? क्या कानून आपको इसकी इजाजत देता है?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा- हमारे कार्यकर्ता को जो थप्पड़ मारा गया है, वो मप्र में कमलनाथ सरकार की ताबूत में आखिरी कील होगी। हमारे कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे और संघर्ष जारी रहेगा।  

शब्दों का गिरता स्तर

आजकल आपको कहीं शब्दों का स्तर गिरता नजर आ रहा हो तो समझ जाईये की वहाँ कोई नेता अवश्य होगा। जब देश को सँभालने वाले ही ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करंगे तो आम नागरिक का क्या होगा। आम नागरिक ऊपर बैठे हुए लोगों को देखती है और सीखती भी है। नेताओं की जुबान इतनी गिर गयी है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा की मै किस हद तक गिर गया हूँ। मानवता और संस्कार की बातें करने वाले ही जब ऐसे शब्दों का उपयोग करेंगे तो देश किस दिशा में जायेगा। ये सोचने का समय है आप खुद सोचिये की आज के समय में आप(बीजेपी) से रिलेटेड ही हर जगह आंदोलन क्यों हो रहे हैं। शब्दों का स्तर इतना क्यों गिर गया है। आप सभी लोग जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और ऐसे शब्दों का उपयोग कर आप समाज को क्या देना चाहते हैं। सोचने का वक्त है।

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