प्लास्टिक बैन होने के बाद इस स्टेशन में दिखीं पुरानी संस्कृति ,पत्तल का किया उपयोग |
प्लास्टिक बैन होने के बाद इस स्टेशन में दिखीं पुरानी संस्कृति ,पत्तल का किया उपयोग |
देश भर में प्रधानमंत्री मोदी ने 2 अक्टूबर को प्लास्टिक बैन की घोषणा की ,जहां एकतरफ़ लोगों का रोज़गार मिट जाने का डर हैं तो वही कुछ लोगों का मानना हैं की वाक़ई यह हमारे पर्यावरण के लिए नुकसानदायक हैं ,इसके प्रयोग से हमे बचना चाहिए |
मध्यप्रदेश के इस स्टेशन में दिखी एक नई पहल -हुआ पत्तल दोना का प्रयोग
दरअसल पश्चिमी रेल मंडल के रतलाम जंक्शन मध्यप्रदेश पर प्लास्टिक के बैन हो जाने के बाद एक नई पहल की जा रही है। इसके अंतर्गत स्टेशनों के केटरिंग स्टॉल पर खाने के सामान को यात्रियों को हरी पत्तियों से बने दोने में परोसा जा रहा है, इसकी शुरुवात रतलाम मंडल में हो चुकी है, जिसके कुछ नमूने इस चित्र में दिखाई दे रहे हैं। यदि इन पत्तों की मांग बढ़ी तो इनके पेड़ लगाने की भी होड़ मच जायेगी।हमारी परम्परा रही है पलाश (खाँखरे) के पत्तो से बने पत्तल- दोनों में भोजन करने की ऒर अब प्लास्टिक बेंड हो जाएगी तो प्राकृतिक अंदाज में पुनः हम वो ही आनंद ले सकते है।हम जो प्लास्टिक उपयोग करते हैं वह 1000 वर्ष तक नष्ट नहीं हो पा रहें हैं ।