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Bhopal :- बाल दिवस पर नेहरू को याद कर क्या बोले कमलनाथ

भोपाल 

  • आज 14 नवंबर को पूरा देश भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जंयती को बाल दिवस के रूप में मना रहा है।
  • पण्डित नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि त्याग की प्रतिमूर्ति भी थे :- CM कमलनाथ
  • सीएम ने कहा कि 50 साल पहले की शिक्षा और आज की शिक्षा में काफी अंतर है।
  • आज इंटरनेट का युग है, बच्चों के लिए शिक्षा आसान हो गई है।

आज 14 नवंबर को पूरा देश भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जंयती को बाल दिवस के रूप में मना रहा है। देशभर में जगह जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए है और चिल्ड्रन डे बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है।मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बरकतउल्लाह विश्व विद्यालय में भी पंडित जवाहरलाल नेहरु की 130 वी जंयती का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें की मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी भी उक्त कार्यक्रम में पहुंचे। सीएम ने बच्चों  द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का जायजा लिया और भावुक होकर नेहरु के साथ अपनी पुरानी यादों को भी शेयर किया। साथ ही साथ उन्होंने यह भी ऐलान किया कि म.प्र. में जल्द ही बाल युवा क्लब का गठन किया जाएगा।

पुराने दिनों को याद करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मुझे आज के दिन बहुत खुशी होती है, क्योंकि पण्डित नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि त्याग की प्रतिमूर्ति भी थे। नेहरू जी जब बच्चों के साथ होते थे तो सिर्फ बच्चों की बात करते थे, उनके साथ घूमने के दौरान वो हमसे पढाई से लेकर स्पोर्ट्स की बात करते थे। हालांकि तब हम उनको बतौर पीएम नहीं जानते थे, सन्डे के दिन नेहरू जी दून स्कूल में संजय गांधी और मुझे घूमाने लेकर जाते थे और कई बातें बताते थे।

आधुनिक भारत के निर्माता, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, भारत रत्न, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की जयंती पर शत-शत नमन।
पंडित नेहरू ने आजादी के बाद देश के नव-निर्माण की जो मजबूत नींव रखी, उसी का परिणाम है कि आज हमारा राष्ट्र मजबूत और सशक्त राष्ट्र है।
#RememberingNehruji
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 14, 2019

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इसके साथ ही CM कमलनाथ ने यह भी कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू त्याग व संघर्ष की एक प्रतिमूर्ति है।
जब मैं बोर्डिंग स्कूल में देहरादून में पढ़ाई करता था, तब मेरी जवाहरलाल नेहरु से मुलाकात हुई थी। 
तब हमारा पंडित नेहरू से 6 – 7 घंटे का समय तो सिर्फ बातचीत करने में ही गुजर जाता था।
उस समय न कोई फ़ोन न कोई अधिकारी होता था। साथ ही साथ वह हमसे पढ़ाई को लेकर चर्चा भी किया करते थे। 
जब पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने थे,तब देश में भाषाओं, धर्मो, जातियों के साथ प्रांतो को बांटने की चुनोती थी। 
देश की एकता के लिए यह बड़ी चुनौती थी। 
जवाहरलाल नेहरू ने देश को एक नई दिशा दी जिससे पूरा देश आज एक झंडे के नीचे खड़ा है।

सीएम ने कहा कि 50 साल पहले की शिक्षा और आज की शिक्षा में काफी अंतर है।आज इंटरनेट का युग है, बच्चों के लिए शिक्षा आसान हो गई है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू में आधुनिक भारत बनाने की सोच थी । शिक्षा यूनिवर्सिटी में मिल जाएगी , लेकिन ज्ञान रोज़ लेना पड़ता है| मैं भी ज्ञान लेता रहता हूं।बच्चे एक्स्ट्रा कर्लिक्यूलर एक्टिविटीज से जुड़े हम यह प्रयास सरकार के माध्यम से कर रहें हैं। 

सीएम ने आगे कहा कि नेहरू जी कहते थे कि बच्चे ही देश का भविष्य हैं। इसलिए उन्हें प्यार और शिक्षा देना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वो अपने पैरों पर खड़े हो सकें, हमारी सरकार बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए संकल्पित है। आधुनिक भारत के निर्माता, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, भारत रत्न, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की जयंती पर शत-शत नमन। पंडित नेहरू ने आजादी के बाद देश की नव-निर्माण की ओर मजबूत नींव रखी, उसी का परिणाम है कि आज हमारा राष्ट्र मजबूत और सशक्त राष्ट्र है। देश के भविष्य सभी बच्चों को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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