देश के विकास को लग सकता है तगड़ा झटका, आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.8 से 5.6 फीसदी हुआ

- मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को चालू वर्ष के लिए अनुमानित 5.8 प्रतिशत से घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया हैं
- मौजूदा वित्त वर्ष में बजट घाटा सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से बढ़कर 3.7 फ़ीसदी पर पहुंचने का अनुमान हैं
- इसकी सबसे बड़ी वजह धीमी बढ़ोतरी दर और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती हैं
नई दिल्ली :- देश के विकास को लगा तगड़ा झटका, आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.8 से 5.6 फीसदी हुआ भारत में लगातार मंदी का दौर जारी हैं। इस मंदी के दौर में लाखों लोग बेरोज़गार हो गए हैं। इसी बीच आर्थिक विकास को लेकर भारत को एक और तगड़ा झटका लगा हैं। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को चालू वर्ष के लिए अनुमानित 5.8 प्रतिशत से घटाकर 5.6 प्रतिशत कर दिया हैं।
बता दे कि 2019 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी की वृद्धि लगभग 8 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत हो गई, और भारत की आर्थिक विकास दर 2018 के मध्य से कम हो गई हैं। अब मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारत को एक ओर करारा झटका दे दिया हैं। मूडीज का मानना है कि भारत में चल रही मंदी लंबी अवधि वाली हैं। मूडीज के अनुसार फ़िलहाल आर्थिक विकास में सुधार के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं।
मूडीज के अनुमान के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष में बजट घाटा सरकार के 3.3 फीसदी के लक्ष्य से बढ़कर 3.7 फ़ीसदी पर पहुंचने का अनुमान हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह धीमी बढ़ोतरी दर और कॉरपोरेट टैक्स में कटौती हैं।
मूडीज ने एक बयान में कहा गया है कि ''हमने भारत के लिए अपने विकास के पूर्वानुमान को संशोधित किया हैं। अब हम जीडीपी ग्रोथ रेट 2019 में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाते हैं, जो 2018 में 7.4 प्रतिशत था। यह उम्मीद है कि आर्थिक एक्टिविटी 2020 और 2021 में 6.6 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत होगी।
मालूम हो कि इससे पहले मंदी की मार झेल रहे भारत को आर्थिक मोर्चे पर झटका देते हुए अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की रेटिंग घटाकर 'स्टेबल' से 'नेगेटिव' कर दी थी। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अर्थव्यवस्था का बेहद धीमी गति से बढ़ना और लगातार बढ़ता सरकार का कर्ज माना गया था।
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