कॉलेज ने बर्बाद किये जिंदगी के 4 साल ,इंदौर के कॉलेज की दादागिरी

कहानी है लेकिन काल्पनिक नहीं सत्य घटना पर आधारित है
वैसे यह कहानी खुद एक बड़ा सवाल हैं
आज भारत एक नई शक्ति बनने जा रहा हैं ,लगातार हमारी युवा शक्ति इस देश के लिए काम कर रही हैं,हमारे देश में 60 प्रतिशत आबादी युवाओं की है
लेकिन जरा सोचिये क्या इस देश का युवा जब पढाई करता हैं,तो क्या उसके मन में सवाल नहीं उठे होंगे, रोजग़ार और समाज के लिए
शायद उठे होंगे, सवाल जो आपको इस कहानी के बाद बताऊंगा ,
कहानी है लेकिन काल्पनिक नहीं सत्य घटना पर आधारित है
वैसे यह कहानी खुद एक बड़ा सवाल हैं
दूसरों को न्याय देने निकली “आस्था “को कभी खुद नहीं मिला “न्याय “
भोपाल की लड़की जिसका नाम आस्था मिश्रा हैं आज से ठीक 4 साल पहले उसने शायद 12 वी पास की होंगी ,फिर वो अपने सपने के साथ मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी “इंदौर ” पहुंचती है ,उसे लॉ करना था ,और उसके बाद सिविल जज ,इसके लिए अपने माता -पिता से दूर होकर उस लड़की ने “राउ “के किसी “इंदौर इंस्टिट्यूट ऑफ़ लॉ “ नामक कॉलेज में अपना दाख़िला करवा लिया |
अपनी पढाई जारी करने के लिए उन्होंने अथक प्रयास किया लेक़िन उन्होंने जब पाया की हमारे खाने- पीने में कीड़े मिलते है ,और में इसलिए लगातार बीमार पड़ती हूँ तो उन्होंने इस ख़बर की जानकारी कॉलेज के उच्चाधिकारी तक बताई ,उनसे वहाँ पर बदतमीज़ी की गई
आस्था ने अपने माता -पिता को बताया तो उन्होंने पुलिस के पास जाना उचित समझा ,वे पुलिस के पास गए लेकिन रिपोर्ट नहीं लिखी गयी, क्योंकि कॉलेज मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के करीबी का बताया जा रहा हैं , ये घटनाचक्र 4 साल पहले का था ,
फ़िलहाल अभी यह लड़की पिछले 5 साल से अपनी TC का इंतजार कर रही हैं ,लेकिन कॉलेज प्रशासन ने अभी तक इसके डाक्यूमेंट्स नहीं लौटाए हैं
भोपाल की लड़की ने यह लड़ाई कोर्ट तक लड़ी और कोर्ट से लगातार 2 बार आर्डर आने के बाद भी ,इसकी TC और डाक्यूमेंट्स नहीं लौटाए गए ,जिससे यह अपनी पढाई पूरी करने में विफ़ल रही है ,ये सिस्टेम इसे अब काटने दौड़ता हैं ,रात को नींद नहीं आती और आ भी कैसे सकती हैं इसकी जगह हम और आप भी होते तो शायद इसी तरह परेशान होते ,लेकिन इस समय यह लड़की मजबूती से खड़े होकर अपने हक के लिए आवाज लगा रही है