छोटे शराब कारोबारियों के लिए बुरी खबर ,कमलनाथ सरकार ने लिए बड़ा फैसला
भोपाल : प्रदेश के शराब संचालकों के लिए कमलनाथ सरकार नए नियम लाने जा रही है। दरअसल प्रदेश में शराब दुकानों की नीलामी अब नए फार्मूले से होगी इसके तहत ठेके दुकानों की बजाय सरकार मेगा क्लस्टर में प्राइज फार्मूले पर विचार कर रही है। प्रदेश को प्राइज के आधार पर तीन श्रेणियों में बांटकर ई टेंडर निकाले जाएंगे। जहां दुकानों के बड़े कलेक्टर बनेंगे जिससे छोटे कारोबारी बाहर हो जाएंगे ऐसे में केवल 340 से लेकर 400 तक बड़े कारोबारी इस प्रक्रिया में बच पाएंगे। कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति की कीमत के आधार पर दुकानों का क्लस्टर बनाया जाएगा
वर्तमान में मध्यप्रदेश में तकरीबन 1242 से ज्यादा शराब व्यवसाई है लेकिन नए सिस्टम से यह सिमटकर 340 से 400 तक रह जाएंगे।
क्लस्टर की ग्रेडिंग
ए -50 से 75 करोड़ तक इसके अंतर्गत भोपाल इंदौर ग्वालियर एवं जबलपुर के नगर निगम क्षेत्र आएंगे ,वहीं बी- 25 से 50 करोड़ तक इसमें सागर रीवा उज्जैन खंडवा बुरहानपुर रतलाम देवास सिंगरौली कटनी सतना छिंदवाड़ा और मुरैना नगर निगम शामिल है। सी – 25 करोड़ तक बाकी बची सभी नगर पालिका एवं नगर परिषद सहित जिला पंचायत ग्राम पंचायत और ग्रामीण क्षेत्र शामिल रहेंगे।
क्या है वर्तमान स्थिति
2015-16 में शराब दुकानों की नीलामी हुई थी इसके बाद इनका नवीनीकरण हुआ, तत्काल प्रभाव से प्रदेश में 2544 देसी शराब दुकानें और 1061 विदेशी शराब की दुकानें हैं। जहां से तकरीबन 9000 करोड़ का राजस्व प्रदेश सरकार को 2018-19 में मिला था। मौजूदा दौर में 11500 करोड़ का लक्ष्य सरकार रखती है। जहां 7840 करोड़ रुपए तक की वसूली दिसंबर माह तक कर ली गई थी। वहीं सरकार इसे 15000 करोड़ करने की तैयारी कर रही है।
क्या वजह है जिसके कारण छोटे कारोबारी हो जाएंगे बाहर
दरअसल छोटे ठेकेदार अपना मार्जिन घटाकर शराब बेचते हैं तो दूसरे ठेकेदारों को नुकसान होता है इसलिए सरकार ने बड़े ठेकेदारों पर फोकस किया है बड़े ठेकेदार सामने सामान्यता प्राइस वार में नहीं उलझते हैं।