Bhopal: पहले से ही पौने दो लाख करोड़ के कर्ज में डूबी MP सरकार फिर लेगी 1 हज़ार करोड़ का कर्ज़

भोपाल : मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। जिसमें सबसे ऊपर किसानों की क़र्ज़ माफ़ी, इसके साथ साथ किसानों को गेहूं का बोनस और खराब सड़कों को सुधारना इस समय कमलनाथ सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। लेकिन इन सब के बीच कमलनाथ सरकार के लिए बजट भी एक बड़ी मुसीबत का सबब बना हुआ हैं।
आर्थिक तंगी से गुजर रही कमलनाथ सरकार एक बार फिर कर्ज लेने जा रही हैं। सरकार इस बार बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। जबकि ये कर्ज 10 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा। बता दे कि प्रदेश सरकार पहले से ही करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज में डूबी हुई हैं। इन सबके बीच प्रदेश सरकार एक बार फिर बाज़ार से 1 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ लेगी। सरकार का तर्क है कि कर्ज विकास कार्यों और जनहित के कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए लिया जा रहा हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार ने आखिरी बार 4 सितंबर को 2 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। जबकि उससे पहले जनवरी से लेकर अगस्त तक सरकार 14 बार कर्ज ले चुकी थी। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कमलनाथ सरकार जबसे सत्ता में आई हैं सिर्फ अक्टूबर को छोड़कर लगभग हर महीने सरकार ने बाजार से कर्ज लिया हैं।
इस से पहले सरकार ने पट्रोल डीज़ल समेत शराब पर 5% वैट भी बढ़ाया था, क्योंकि प्रदेश सरकार अपनी वित्तीय स्थिति को सुधारना चाहती हैं। उधर, विपक्ष ने इस बात को लेकर कमलनाथ सरकार का घेराव शुरू कर दिया हैं। विपक्ष का कहना है कि कर्ज लेना सरकार की फिजूलखर्ची बताता रहा हैं।