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MP सरकार के नियम जनता के लिए कुछ जनप्रतिनिधि के लिए कुछ! पहले बनाए कोविड के बड़े नियम, फिर मौन धरने के नाम पर उड़ाई धज्जियां 

MP सरकार के नियम जनता के लिए कुछ जनप्रतिनिधि के लिए कुछ! पहले बनाए कोविड के बड़े नियम, फिर मौन धरने के नाम पर उड़ाई धज्जियां 

 

 

  • मध्य प्रदेश सरकार के नियम जनता के लिए कुछ, जनप्रतिनिधि के लिए कुछ
  • प्रदेश के मंत्रियों विधायकों ने उड़ाई कोरोना नियमों की धज्जियां
  • पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर किया मौन धरना प्रदर्शन
  • जनता को नसीहत देने वाले कई मंत्री स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री भी मौजूद 

 

भोपाल/ गरिमा श्रीवास्तव:- मध्य प्रदेश में हाल ही में कोरोना के लेकर नई गाइडलाइन जारी हुई है इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2 दिन पूर्व ही यह बात कही थी कि कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है सभी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें.

 पर ऐसा लगता है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की नियम जनता के लिए कुछ रहते हैं और खुद मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों के लिए कुछ और रहते हैं. मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज आर्थिक राजधानी इंदौर और राजधानी भोपाल में आ रहे हैं.

 देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर भारतीय जनता पार्टी इसे और हवा देने में जुट चुकी है. पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम की दीर्घायु के लिए महामृत्युंजय जाप किया वहीं दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पूजा अर्चना करने पहुंचे थे और शुक्रवार को प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर मौन धरना किया.

यह तस्वीर दिखा रहें हैं हम जिसमें मध्य प्रदेश की जनता को नसीहत देने वाले वह सभी मंत्री मौजूद है जो 2 गज की दूरी मास्क है जरूरी की बात कहते हैं. हालांकि इन्होंने मास्क तो लगाया है लेकिन 2 गज की दूरी कहीं भी नजर नहीं आई.

 जब इन नेताओं से पूछा गया उन्होंने जवाब दिया कि मौन धरने में सभी तरह के नियमों के पालन हो रहे हैं हम सभी ने मास्क लगाया है.

 इन नेताओं के यह तर्क है कि गंभीर विषय था इसीलिए पार्टी के लिए बात रखना जरूरी था भीड़ बिल्कुल ना हो इसका हमने ध्यान रखा. साथ ही यह बात भी कही कि कोविड नियमों को ध्यान में रखते हुए बड़ा आंदोलन नहीं किया.मौन धरना दिया है, बड़े आयोजन पहले ही रद्द किए जा चुके हैं.

जिस तरह से भोपाल में मौन प्रदर्शन किया गया उसी तरह से इंदौर में भी भाजपा नेताओं ने भीड़ इकट्ठा कर प्रदर्शन किया.

जनता को बड़े -बड़े ज्ञान देने वाले यह वही नेता मंत्री विधायक हैं जो सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते साफ नजर आ रहे हैं.यह लोग पंजाब में पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के विरोध में अपने शहर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना देने बैठे थे. लेकिन अफसोस की बात यह है कि नियम बनाने वाले खुद सोशल डिस्टेंसिंग का कायदा भूल गए.

मध्यप्रदेश में पूर्व में भी ऐसा देखा गया है कि जब कोरोना की दूसरी लहर थी तब यही नेता मंत्री बड़े-बड़े नियम कायदे कानून जनता को बताते थे और खुद उनकी धज्जियां उड़ाते अक्सर नजर आते थे. चुनाव के नाम पर बड़ी बड़ी रैलियां की जाती थी. और तीसरी लहर जो कि बेहद खतरनाक होती जा रही है देश में 1 दिन में एक लाख से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में यही नेता राजनैतिक रोटियां सेकने के लिए खुद के बनाए नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.

 कमिश्नर हरिनारायणाचारी मिश्रा ने कहा है कि रीगल पर किए गए इस धरना प्रदर्शन पर नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी इस संबंध में अनुमति ली गई थी या नहीं इसकी भी पड़ताल की जाएगी.

आगे देखना होगा की सीख देने वाले इन नेताओं के खिलाफ भी कोई कार्यवाही होती है या नहीं

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