रीवा : रोते बिलखते गरीबों ने विधायक राजेंद्र शुक्ला को सुनाई खरी-खोटी, बोले ये पूरा शहर एक व्यापारी को बेच देंगे विधायक, देखें यह वीडियो
रीवा।
कोरोना वायरस की इस महामारी वाले काल में एक तरफ जहां मजदूर और गरीब तबका दाने-दाने को मोहताज है तो वहीं दूसरी तरफ रीवा में गरीबों को घर से बेघर किया जा रहा है। यहां तक कि उनकी पूरी बस्ती उजाड़ दी गई है। जब वहां के लोगों से हमारी टीम बातचीत करने पहुंची तो उन्होंने विधायक राजेंद्र शुक्ला और उनके पीए पर गंभीर आरोप लगाए।
लोगों का आरोप है कि विधायक जी पूरा शहर किसी व्यापारी को बेंच देंगे :-
रीवा में गरीबों पर हो रहा है अत्याचार पहले @rshuklabjp के PA लोगों को भरोसा दिलवा के गए की कुछ नहीं होगा और दो दिनों बाद चलवा दिया बुलडोज़र @RewaCollector @JansamparkMP @brajeshabpnews #Thelokniti pic.twitter.com/lgdqCqzsrh — The Lokniti (@thelokniti) May 9, 2020 “>http:// रीवा में गरीबों पर हो रहा है अत्याचार पहले @rshuklabjp के PA लोगों को भरोसा दिलवा के गए की कुछ नहीं होगा और दो दिनों बाद चलवा दिया बुलडोज़र @RewaCollector @JansamparkMP @brajeshabpnews #Thelokniti pic.twitter.com/lgdqCqzsrh — The Lokniti (@thelokniti) May 9, 2020
लोग वीडियो में साफ-साफ कैसे दिख रहे हैं कि पहले तो पीए राजेश पांडे ने इन लोगों को वादा किया था की इनके घरों को नहीं तोड़ा जाएगा और इन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हो लेकिन आज अचानक जाने कहां से उनका मतिभ्रम हुआ और वह बुलडोजर लेकर बस्ती उजाड़ने निकल पड़े। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि मुआवजे के नाम पर उन लोगों को ठगा गया। सिर्फ 10 12 लोगों को ₹5000 दे दिए गए और मीडिया में हल्ला किया जा रहा है कि सभी को मुआवजा मिल चुका है।
यह है मामला
एक तरफ जहां इस वक्त श्रमिक वर्ग कोरोना की मार झेल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सौंदर्यीकरण के नाम पर अब उनका आश्रय भी छीना जा रहा है.
इस वक्त मध्य प्रदेश(MadhyaPradesh) के सामने एक और अमानवीय तस्वीर आई है. सौंदर्यीकरण के नाम पर कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकों पर आफत का बुलडोजर चलाया जा रहा है. इस बुलडोजर के नीचे रीवा रहतरा बस्ती के हजारों श्रमिक परिवार का आश्रय उजड़ गया. अब उन श्रमिकों के पास रहने को टूटी फूटी झोपड़ी भी नहीं बची है, कोरोना काल के इस संवेदनशील समय में यह मानवीय कृत्य आखिर क्यों हो रही है, इन बस्ती वालों की आंखों में सिर्फ सवाल है. जवाब तो मध्य प्रदेश सरकार के पास ही है कि सौंदर्यीकरण के नाम पर आखिर इन गरीबों का घर क्यों उजाड़ा जा रहा है?
सौंदर्यीकरण के नाम पर कोरोना काल मे श्रमिको पर चला आफत का बुल्डोजर — Vivek Tankha (@VTankha) May 9, 2020 “>http:// सौंदर्यीकरण के नाम पर कोरोना काल मे श्रमिको पर चला आफत का बुल्डोजर — Vivek Tankha (@VTankha) May 9, 2020
मध्यप्रदेश से सामने आई एक ओर अमानवीय तस्वीर
बेघर हुए रीवा रतहरा बस्ती के हजारों श्रमिक परिवार
आखिर इस वक्त क्यो थी सौंदर्यीकरण की ज़रूरत. सामवेदनशील समय में अमानवीय कृत। @ChouhanShivraj pic.twitter.com/amMFL3Ngm1
मध्यप्रदेश से सामने आई एक ओर अमानवीय तस्वीर
बेघर हुए रीवा रतहरा बस्ती के हजारों श्रमिक परिवार
आखिर इस वक्त क्यो थी सौंदर्यीकरण की ज़रूरत. सामवेदनशील समय में अमानवीय कृत। @ChouhanShivraj pic.twitter.com/amMFL3Ngm1
एक तरफ जहां सरकार कहती है कि हम प्रदेश के श्रमिक वर्ग के हित में लगातार तत्पर हैं तो दूसरी तरफ उनका घर उजाड़ कर अपनी तत्परता का बहुत बड़ा मिसाल साबित किया है. बस्ती में रहने वाले अब यह गरीब भूख की मार को झेलें, कोरोना महामारी से खुद को बचाएं, या फिर अपने उजड़े हुए घर को फिर से बनाने का प्रयास करें…….
इस वक्त तो उनकी आंखों में सिर्फ सवाल होंगे. कि आखिर हम गरीब क्यों हैं.? दुर्दशा सिर्फ गरीबों के साथ क्यों हो रही हैं.. एक तो गरीबी की मार और अब बेघर……….