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इंटरनेशनल डॉटर्स डे स्पेशल 2021: इंदौर की महिला बनी मध्य प्रदेश की पहली बस ड्राइवर, देश में कायम की मिसाल

  • जानिये इंटरनेशनल डॉटर्स डे के मौके पर MP की महिलाओं की कहानी
  • बनी प्रदेश की पहली महिला बस ड्राइवर
  • देश में नाम किया रोशन

मध्य प्रदेश /अंजली कुशवाह: आज पूरे विश्व में इंटरनेशनल डॉटर्स डे मनाया जा रहा हैं. इस ख़ास मौके पर इंदौर की ऋतु नरवाल और अर्चना कटारे ने पूरे देश की महिलाओं और बेटियों के लिए एक नयी मिसाल पेश की है. इंदौर की ऋतु नरवाल मध्य प्रदेश की पहली महिला बस ड्राइवर है. साथ ही वे बस चलाने वाली देश की दूसरी महिला बस ड्राइवर भी हैं. इसके अलावा ऋतु और अर्चना दोनों ही अपने-अपने काम में माहिर हैं. इंदौर में चलने वाली पिंक बस में दोनों ही शहर की महिलाओं और बेटियों को सुरक्षित सफर कराती हैं. इन्होंने दकियानूसी सोच और पुरानी रीतियों-नीतियों की बेड़ियां तोड़कर समाज को एक नया संदेश दिया है.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में अहम कदम

इंदौर की ऋतु नरवाल और अर्चना कटारे ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अहम कदम उठाया है. सबसे ख़ास बात ये हैं कि इन पिंक बसों में सिर्फ महिलाएं ही सफर कर सकती हैं. एआईसीटीएसएल (AICTSL) की जनसंपर्क अधिकारी माला सिंह ठाकुर का कहना है कि ऋतु-अर्चना का बस ड्राइविंग करना महिला सशक्तिकरण की दिशा में महात्वपूर्ण कदम है. कंपनी ने दोनों को एक महीने की ट्रेनिंग दी. इसमें अल सुबह 3 से 5 बजे तक बीआरटीएस पर बस चलाने का प्रशिक्षण दिया गया. शुरूआत में ऋतु से पिंक बस के कुछ फेरे ही लगवाए गए. उसके बाद उन्हें पूरे समय बस चलाने की अनुमति दी गई. वहीं, अर्चना भी पिंक बस दौड़ा रहीं हैं. ये पिंक बसें सीसीटीवी कैमरे, ऑन बोर्ड यूनिट, सेंसर डोर के साथ महिला सशक्तिकरण के सुविचारों से सुसज्जित हैं. इनमें हर रोज 2 हजार से ज्यादा महिलाएं सफर करतीं हैं.

अब महिलाएं हर क्षेत्र में बन रहीं हैं आत्मनिर्भर

पहली महिला बस ड्रायवर ऋतु नरवाल ने बताया कि अब महिलाएं हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहीं हैं. ऐसे में वे पूरे आत्मविश्वास के साथ बस और जिंदगी की स्टियरिंग संभाल रही हैं. ऋतु का कहना है कि उन्हें बचपन से ही ड्राइवर बनने का शौक था. स्कूल के दिनों में उन्होंने बच्चों को भी ड्राइवरी की ट्रेनिंग दी है. पिंक बस चलाकर उन्हें बेहद खुशी महसूस हो रही है. घर में माता-पिता, भाई, बहन को भी उनका ये फैसला पसंद आया. उनके पिता इलेक्ट्रिक मैकेनिक हैं. वे कहतीं हैं कि उनके इस काम से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है. पिंक बस महिलाओ को सुरक्षित और सुविधाजनक सफर तय कराती है. इसमें कंडक्टर से लेकर ड्राइवर तक महिलाएं ही है. ऐसे में अब इस बस में पुरुषों का कोई काम नहीं रहा. महिलाएं पूरी आजादी और आत्मविश्वास के साथ बस में सफर कर रहीं हैं.

महिला ड्रायवर का किया गया सम्मान

उधर, पहली बार बस चलाने वाली महिला ड्रायवर का जगह-जगह स्वागत भी हुआ. पूर्व आईडीए अध्यक्ष मधु वर्मा द्वारा ऋतु को माला पहनाकर और फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मान किया गया. साथ ही उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं. उन्होंने कहा कि हमारी इंदौर की बेटी ने शहर का नाम रौशन किया. ये पहली बार है जब हमारी बेटी को चालक के रुप में काम करने का मौका दिया गया है. लेकिन, ये सफर यहीं न रुके और महिलाएं भोपाल और दूसरे शहरों तक भी बस चलाकर ले जाएं, ये मेरी इच्छा है.

प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के लिए बनी प्रेरणा

बता दें कि इंटरनेशनल डॉटर्स डे के इस मौके पर इंदौर की ऋतु नरवाल और अर्चना कटारे ने मध्य प्रदेश की महिलाओं और बेटियों के लिए ही नहीं बल्कि इस देश की सभी महिलाओं और बेटियों के लिए प्रेरणा बन गयी हैं. उन्होंने अपने काम से ये भी साबित किया हैं कि महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपना योगदान दे सकती हैं.   

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