यूजीसी के नियमों को ना मानकर फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को किया गया सेवा से बाहर, अब तक नहीं हुई बहाली!
यूजीसी के नियमों को ना मानकर फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को किया गया सेवा से बाहर, अब तक नहीं हुई बहाली!
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:- मध्यप्रदेश में फॉलन आउट अतिथि विद्वान लगातार आठ महीनों से संघर्ष कर रहे हैं. पिछली कांग्रेस सरकार की शोषणकारी नीतियों की वजह से अतिथि विद्वानों को फॉलन आउट कर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था, जिसके बाद लगातार भाजपा सरकार ने उनसे वायदे किए कि वह जल्द ही उन्हें सेवा में लेगी पर शिवराज सिंह चौहान को सत्ता में आए लगभग 130 दिन से ऊपर हो चुके हैं पर अभी तक अतिथि विद्वानों के हित में कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.
आपको बता दें कि चयन सूची जारी नहीं होने से उचित मजदूरी करने ठेला लगाने आदि के लिए मजबूर हो गए हैं.
जब सत्ता में शिवराज की सरकार नहीं थी तो वह अधिक विद्वानों के धरना स्थल पर गए थे जहां उन्होंने अतिथि विद्वानों से वादा किया था कि सत्ता में उनकी सरकार आते ही सभी अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कराया जाएगा अभी टाइगर जिंदा है.. पर अब शिवराज की सरकार भी बन चुकी है कैबिनेट का विस्तार भी हो चुका है.
मंत्रियों को पद भी बांट दिए गए हैं पर अभी तक अतिथि विद्वानों के हित में कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.
बता दे कि लगभग 2000 फॉलन आउट अतिथि विद्वानों की लिस्ट जारी करने की बात मार्च में ही की गई थी पर अब जुलाई माह में लगभग खत्म होने को है और अभी तक लिस्ट जारी नहीं की गई है..
अतिथि विद्वान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष डॉ सुजीत सिंह भदोरिया ने बताया कि बीते दिनों की बात वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा से मिले इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछली रुकी हुई फाइलों का वह जल्द अप्रूवल देंगे. और फिर सभी अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कराया जाएगा..
मई संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से भी मिले. मंत्री ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वादा किया है कि अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण कराया जाएगा तो सरकार उनके वादे को जरूर पूरा करेगी और सभी अतिथि विद्वानों का जल्द से जल्द नियमितीकरण होगा और उन्हें सेवा में लिया जाएगा..