राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले गोडसे की परवरिश एक लड़की की तरह की गयी थी जानिए वजह
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्यारे की अद्भुत बाते हैं। जिसको पढ़ने के बाद में आप खुद हैरान हो जायेंगे। ये बात हत्यारे नाथूराम गोडसे के जीवन से जुडी हुई हैं। गोडसे कौन था ? क्यों उसकी लड़कियों की तरह परिवरिश की गई ?
नाथूराम गोडसे कौन था ?
नाथूराम गोडसे एक मध्यमवर्गीय चितपावन ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ था। चितपावन का अर्थ होता है ' आग में पवित्र किए गए ' । उसके पिता का नाम विनायक गोडसे था।, वे भारतीय डाकसेवा में एक छोटे कर्मचारी के पद पर थे।
जानिए गोडसे की परवरिश एक लड़की की तरह क्यों की गई ?
इस पुस्तक 'लेट्स किल गांधी' के अनुसार उनके माता – पिता को पहली तीन संतान पैदा होने के कुछ दिन बाद ही चल बसी थी। सिर्फ दूसरी संतान, जो एक बेटी थी, वो ही जी सकी। इसके बाद उसके माता – पिता को बहुत परेशनियों के बाद एक ज्योतिषी से मिले और अपने परेशानियां बताया। ज्योतिषी ने उनके माँ – बाप को इस घटना की जानकारी देते हुए एक उपाय दिया। ज्योतिषी ने कहा कि आप आने वाली संतान को तभी बचा पाएंगे, जबकी उसका पालन-पोषण एक लड़की की तरह किया जाएं । ज्योतिषी की बाद मान उनके मां-बाप ने कई धार्मिक अनुष्ठान किए और मन्नत मानी कि जन्म के बाद वो अपने बेटे की बाईं नाक छिदवाएंगे और उसे नथ पहनाएंगे। इसके बाद 19 मई, 1910 को जन्मे नाथूराम के साथ तथाकथित तौर पर किया गया। हालांकि बड़े होने पर उसकी नथ निकाल दी गई। नाथूराम के तीन भाई और दो बहने थीं।
अर्धमूर्ख नाथूराम गोड़से ??
नाथूराम को नथ पहनने और लड़कियों की तरह रखने के चलते उसके बचपन के साथी उसे अक्सर चिढ़ाते थे। जिससे वह सबसे अकेले रहने लगा और जिसको लेकर खुद को बड़ा महात्मा समझने लगा। हालांकि कुछ ही दिनों बाद लोगों ने यह भी कहा कि उसपर कुल देवता आते हैं।जिससे स्थानीय लोग उसको मूर्ख समझते थे , तो कुछ दैवीय शक्तियों वाला। इन दोनों ही वजहों से नाथूराम अंतर्मुखी होता गया।