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Amethi :- क्या राहुल के हारते ही अमेठी में गाँधी परिवार की पूछ – परख घटी

अमेठी / गरिमा श्रीवास्तव :- गाँधी परिवार की अमेठी (Amethi) के प्रति नाराज़गी आखिरकार छिप न सकी। जब तक अमेठी से कांग्रेस पार्टी जीता करती थी उस वक़्त जब भी सोनिया गाँधी या प्रियंका गाँधी पहुँचते रास्ते में आते जाते लोग का अभिवादन करते पर इस बार 2019 में चुनाव हारने के बाद सोनिया गाँधी  (Soniya Gandhi) का अमेठी का पहला दौरा है। इस दौरे में सोनिया ने न अपने गाड़ी का कांच नीचे किया न ही किसी का गाड़ी रोककर अभिवादन किया।
प्रियंका गाँधी ( Priyanka Gandhi ) भी चुनाव हारने के बाद सिर्फ एक बार ही अमेठी आई।
 वर्ष 1967 के लोकसभा चुनाव से गांधी परिवार का जो मजबूत रिश्ताअमेठी की धरती से बना हुआ था, वह राहुल गांधी की एक हार से यूं बिखर गया।
जिसे सहेजने की भरपूर कोशिश राहुल की माँ सोनिया गाँधी और बहन प्रियंका वाड्रा ने भी की।

 


सोनिया गाँधी की अमेठीवासियों के प्रति नाराज़गी उस दौरान दिखी जब वह अमेठी के रास्ते से ही भरेथा मौजा जा रही थीं। अमेठीवासी सड़क के दोनों किनारे खड़े रहे। की सोनिया और प्रियंका की गाड़ियां हमेशा की भांति रुकेंगी और गांववासियों का हाल चाल पूछेंगी पर ऐसा नहीं हुआ।

 

ग्रामीणों की नज़र गाड़ियों के काफिले पर टिकी रही पर कोई भी गाड़ी रुकी नहीं। यहां तक कि इस बार प्रियंका और सोनिया ने अपनी गाड़ी का कांच भी नीचे नहीं किया।
गाड़ी सीधा भरेथा मौजा जाकर रुकी।  सोनिया भरेथा इसलिए गई थीं कि क्योंकि पिछले दिनों 6 ग्रामीणों की सड़क हादसे में मौत हो गई थी।
थोड़े देर बाद ग्रामवासियों से मिलने के बाद गाड़ियों का काफिला अमेठी के रास्ते से उसी प्रकार तेज़ी  से गुज़र गया गाँव वालों की आँखें दोबारा से काफिले पर टिकी थी।   
पर एक भी गाड़ी नहीं रुकी।


इस बार कांग्रेस अध्यक्ष और महासचिव की नाराज़गी को अमेठी वालों ने भांप लिया।
 किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) अमेठी से हार जाएंगे। अमेठी प्रारम्भ से ही कांग्रेस का क्षेत्र रहा है। अचानक इतनी बड़ी हार मतलब कांग्रेस के नेताओं की पूछ परख घटने की तरफ संकेत करता है। 

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