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किसानों ने हिलाया मोदी का सिंहासन, वाटर कैनन, आंसू गैस और लाठियां हारी, अब सरकार की बारी!!

किसानों ने हिलाया मोदी का सिंहासन, वाटर कैनन, आंसू गैस और लाठियां हारी, अब सरकार की बारी!!

नई दिल्ली/गरिमा श्रीवास्तव :- देश में किसानों के आंदोलन का आज छठा दिन है। सरकार ने किसानों से बात करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है। आज सरकार 3 बज विज्ञान भवन में किसानों से बात करेगी। पूर्व में जिस दिन किसानों ने आंदोलन उस दिन सरकार ने उन्हें दिल्ली आने से रोकने के लिए हर तरह के पैंतरे अपनाये। आंसू गैस के गोले छोड़े गए। किसानों की बेरहमी से पिटाई की गई। 
ठंड में वाटर कैनन से पानियों की बरसात की गई। पर मिटटी और पानी में पीला बढे किसानों के लिए ये चीजें बहुत छोटी थी। वह हार नहीं माने। 
और अपने पथ पर आगे बढ़ते रहे। 
और फिर क्या था सरकार को हार माननी पड़ी और उन्होंने किसानों को दिल्ली में आकर प्रदर्शन करने की इज़ाज़त दे दी। 

सरकार ने किसानों से बातचीत करने के लिए किया आमंत्रित :- 
सरकार ने किसानों से बातचीत करने के लिए उन्हें आमंत्रित किया है ताकि सभी समस्याओं का हल निकाला जा सके।  

सुखविंदर एस सब्रन पंजाब किसान संघर्ष समिति के सेक्रेटरी ने कहा कि देश में किसानों के 500 से अधिक समूह हैं, लेकिन सरकार ने केवल 32 समूहों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी को सरकार द्वारा नहीं बुलाया गया है। हम तब तक बातचीत नहीं करेंगे, जब तक सभी समूहों को नहीं बुलाया जाता। 1 दिसंबर यानी आज दोपहर 3 बजे 32 किसान संगठनों के नेताओं को बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसान नेता 13 नवंबर की मीटिंग में शामिल थे, उन्हें वार्ता में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है।
बता दें कि आज देश के अलग अलग राज्यों में किसान दिल्ली में हो रहे किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए अपने अपने राज्यों में धरना करेंगे।

दिल्ली की टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियन भी सोमवार को किसानों के समर्थन में आ गई। उन्होंने कहा कि अगर 2 दिन में कोई हल नहीं निकला तो हड़ताल करेंगे।

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