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जागरूक देश ही तो बनेगा प्रदूषण मुक्त देश
जागरूक देश ही तो बनेगा प्रदूषण मुक्त देश
- भारत में वायु प्रदूषण एक बहुत बड़ा मुद्दा है जिसे नियंत्रण में लाने के लिए सरकार कदम तो उठा रही है पर उससे ज्यादा बदलाव हो नहीं पा रहा है,
- कुछ तभी होगा जब तक जनता खुद को इसको लेकर जागरूक करें | चलिए आपको बताते है की प्रदूषण नापा कैसे जाता है – AQI और PM 2.5 आइए जानते हैं वह दो स्तर जिनसे प्रदूषण का नाप तोल किया जाता है|
- AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक किसी भी शहर के वायु में हुए प्रदुषण को बताता है, उदारवादी अथवा आदर्श AQI 51 से 100 के बीच माना जाता वहीं दिल्ली का AQI आज 600 तक पहुंच गया है |
PM 2.5 फाइन पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) एक वायु प्रदूषक है जो हवा के स्तर अधिक होने पर लोगों के स्वास्थ्य के लिए एक चिंता का विषय है। PM2.5 हवा में छोटे कण होते हैं जो दृश्यता को कम करते हैं और हवा के स्तर को बढ़ाए जाने पर धुंधला दिखाई देते हैं |
दुनिया के 10 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से 3 भारत में – दिल्ली, कोलकाता और मुंबई |
इतने पदूषण के मुख्य कारण है पराली में लगाने वाली आग, फैक्ट्रियों से निकलता हुआ धुंआ, वाहनों से हुआ प्रदूशण आदि| भारत में और भी शहर है कानपूर एवं पटना जैसे जो की प्रदुषण से भारी मात्रा में प्रभावित है जिनका आने वाले समय में शायद दिल्ली जैसा हाल होगा |
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