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क्यों लक्ष्मण बार बार लाँघ रहे हैं रेखा,क्या इन्हे किसी का भय नहीं  

मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के लिए मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही है,कि अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अनुज लक्ष्मण सिंह ने सरकार पर चौतरफा हमला बोला है उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि माननीय कमलनाथ जी मजबूर नहीं मजबूत मुख्यमंत्री बनकर सरकार चलाइए अभी तक तो आप सरकार बचाने के प्रयास कर रहे थे परंतु वक्त सरकार चलाने का प्रयास करिए विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक चाचौड़ा को जिला बनाने के लिए अपने भाई यानी कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के घर के सामने चाचौड़ा के लोगों के साथ धरने पर भी बैठ गए अपने बयानों से कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ सरकार को हमेशा चिंता में देने वाले विधायक लक्ष्मण सिंह का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब रोज भाजपा व कांग्रेस की सत्ता को लेकर अलग-अलग जुगलबंदी राजनीतिक गलियारे में सुनाई देती है लक्ष्मण सिंह का यह बयान इसे और भी सोचने पर मजबूर करता है कि क्या दिग्विजय सिंह से जुड़े हुए लोग कमलनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं या ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि पूर्व में भी लक्ष्मण सिंह अपनी ही सरकार के लोगों पर इस तरह की टिप्पणियां कर चुके हैं विधायक लक्ष्मण सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा हमारे द्वारा सरकार को बचाने के ही प्रयास किए जा रहे थे परंतु अब सरकार को चलाने का प्रयास भी होना चाहिए क्योंकि यह सरकार लोगों के लिए है और जमीन पर एवं जमीनी स्तर के कार्यों पर यह सरकार नहीं दिखाई दे रही है सरकार द्वारा काम नहीं हो रहे हैं स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। स्वास्थ्य सेवा की हालत खराब है ।मनरेगा के कार्य भी नहीं दिखाई दे रहे।कॉलेजों में जनभागीदारी समिति तक नहीं बनी है, इसलिए मेरा मुख्यमंत्री कमलनाथ को साफ तौर पर यह सुझाव है, कृपया आप सरकार को चलाने की दिशा में ध्यान दें ना कि ,सरकार को बचाने की दिशा में इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा सरकार जब तक है सरकार रहे या ना रहे एक मजबूत मुख्यमंत्री बनकर दिखाना चाहिए ।

लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हैं पहले कांग्रेस से  मोहभंग होने पर भाजपा में शामिल हो गए थे। फिर भाजपा से कांग्रेस में आ गए।लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं इस वजह से पार्टी का कोई भी नेता उनके ऊपर टिप्पणी करने से पहले सौ बार सोचता है।अब मामले में यह देखना दिलचस्प होगा की दिग्विजय सिंह अपने अनुज पर क्या कोई कार्यवाही करते हैं या ठिठोली स्वरूप मानकर मुस्कुराकर बात को शांत करवा देंगे।

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