नौनिहालों की सांसें छीनने का केंद्र बन गया है अस्पताल – शिवराज सिंह चौहान
भोपाल से गरिमा श्रीवास्तव की रिपोर्ट :- पूर्व मुख्यमंत्री ने अभी अभी अपने ट्वीट के माध्यम से कमलनाथ सरकार पर तंज कसे हैं। शिवराज ने कहा प्रदेश की हालत कमलनाथ सरकार ने बद से बदतर कर दी है। चारों तरफ बस भ्रष्टाचार और अपराध हैं। अस्पतालों की हालत इतनी बदतर हो गई है जिसका कोई हिसाब नहीं, अस्पताल जैसे नौनिहालों की सांसें छीनने का केंद्र बन गया है।
आए दिन माँ की गोद सूनी हो रही हैं, मासूम बच्चे दुनिया में कदम रखने से पहले ही मौत के मुंह में समां जा रहे हैं।
ऐसा उस दौरान हो रहा है जब कमलनाथ सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बता रही है।
मध्यप्रदेश के अस्पतालों की हालत बद् से बद्तर हो गई है। इतनी बद्तर कि नौनिहालों की सांसें छीनने का कारखाना बन गया है। यह तब हो रहा है, जब कमलनाथ जी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बता रहे हैं। जागो सरकार, बच्चों को तो सिस्टम का शिकार न बनाओ: श्री @ChouhanShivraj #MP_मांगे_जवाब pic.twitter.com/nUYRcyDlax — Office of Shivraj (@OfficeofSSC) January 9, 2020 “>http:// मध्यप्रदेश के अस्पतालों की हालत बद् से बद्तर हो गई है। इतनी बद्तर कि नौनिहालों की सांसें छीनने का कारखाना बन गया है। यह तब हो रहा है, जब कमलनाथ जी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को उत्कृष्ट बता रहे हैं। जागो सरकार, बच्चों को तो सिस्टम का शिकार न बनाओ: श्री @ChouhanShivraj #MP_मांगे_जवाब pic.twitter.com/nUYRcyDlax — Office of Shivraj (@OfficeofSSC) January 9, 2020
एक तरफ बच्चे मर रहे हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार भाजपा के कार्यकर्ताओं के पीछे पड़ी हुई है।
पूरा सिस्टम सो रहा है और नौनिहाल मर रहे हैं, कोटा के बाद मध्यप्रदेश नौनिहालों के मृत्यु का केंद्र बन गया है।
झाबुआ में 742 बच्चों की मौत हो गई,वहीँ खंडवा में 245 बच्चों ने दम तोड़ दिया, रतलाम में 61 बच्चे मौत के मुँह में समां गए।
शिवराज ने कहा ये महज एक आंकड़ा नहीं है यह कमलनाथ सरकार की नाकामयाबी है। जिसका शिकार मासूम बच्चे बन रहे हैं।
कोटा में बहुत बड़ी संख्या में मौत के बाद मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पतालों की फाइलें भी खुल गई, वह फाइल जिसका हर पन्ना मुकम्मल दस्तावेज़ है शर्मिंदगी ,संवेदनहीनता ,और सिस्टम की नाकामयाबी का।
शिवराज ने कहा “आखिर कब तक कमलनाथ सरकार का ध्यान मासूमों पर नहीं जाएगा ?
और कितने मासूम हर रोज़ मौत के मुँह में भेजे जाएंगे ?