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ये है प्रदेश का सिस्टम! खुद मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र को Black में लेना पड़ी जीवनरक्षक दवाई, FB पर किया पोस्ट

मध्यप्रदेश/भोपाल – मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण तेज़ी के साथ फैल रहा हैं। वहीं, जीवनरक्षक माने जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन और फेबीफ्लू टेबलेट की कालाबाज़ारी थमने का नाम नहीं ले रही। हैरत की बात यह है कि कोरोना काल में कालाबाजारी का शिकार वह लोग भी हो रहे हैं जो व्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में जाहिर तौर पर समझा जा सकता है कि आम आदमी को किस कदर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा होगा।

बीजेपी के नेता और प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक गोपाल भार्गव ने खुद इसका खुलासा किया हैं।

 

 

बता दे की अभिषेक गोपाल भार्गव, जो खुद बीजेपी के कर्मठ और युवा कार्यकर्ता माने जाते हैं, उन्हें भी फेबीफ्लू टेबलेट ब्लैक में खरीदनी पड़ी। अपने फेसबुक पेज पर अभिषेक ने लिखा है कि जब से डॉक्टरों ने इसकी सलाह देना शुरू किया है, बाजार से दवा रेमेडिसिविर इंजेक्शन की तरह पूरी तरह गायब हो चुकी हैं। फिर भी एक जुगाड़ से और छोटे भाई के सहयोग से 1000 गोलियां मैंने अपने गढ़ाकोटा स्थित कोविड केयर सेन्टर के लिए ढूंढनी है और 2000 गोलियों की व्यवस्था और भी कर ली है जो यहां के मरीजों को निशुल्क दी जाएंगी। अभिषेक लिखते हैं “लेकिन यह मिली बहुत महंगी लगभग दुगनी दामों पर एक गोली ₹100 की मिली हैं। खैर, यह समय पैसे देखने का नहीं व्यवस्था जुटाने का है।”

दरअसल, कोरोना में फेबीफ्लू टेबलेट बेहद फायदेमंद मानी जाती है जो संक्रमण को रोकने का काम करती हैं। यह कोरोना के कम गंभीर मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हैं। डॉक्टर की सलाह से इसका 6 दिन का कोर्स होता है और 400 एमजी की 29 गोलियां 6 दिन में एक मरीज को दी जाती हैं। लेकिन डिमांड बढ़ने के साथ-साथ यह दवाई भी बाजार से गायब हो रही हैं।

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