सोनू सूद प्रवासी मजदूरों की मदद के बाद JEE-औऱ NEET के छात्रों की मदद के लिए तैयार….
सोनू सूद प्रवासी मजदूरों की मदद के बाद JEE-औऱ NEET के छात्रों की मदद के लिए तैयार….
- 1)देश मे बाढ़ केे प्रभावित 3 राज्यों के असम, बिहार और गुजरात के छात्रों की मदद होगी प्राथमिकता ।
- 2)सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब 1 से 6 सितंबर को जेईई और 13 सितंबर को होगी नीट परीक्षा
सोनू सूद प्रवासियों के बाद अब स्टूडेंट्स के मसीहा बनकर सामने आए हैं। उन्होंने जेईई-नीट एग्जाम्स की डेट्स न टलने की दशा में उन सभी छात्रों की मदद करने की पेशकश की है। उन्होंने 28 अगस्त को किए दो ट्वीट्स में यह बात साफ कर दी है। प्रवासी मजदूरों की तरह उन्होंने स्टूडेंट्स से भी अपनी परेशानी शेयर करने की अपील की है।
किसी का एग्जाम न छूटने पाये ।
सोनू ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि -अगर JEE_NEET एग्जाम होता है तो उन सभी छात्रों के लिए जो परीक्षा देने वाले हैं और बिहार, असम और गुजरात के बाढ़ प्रभावित राज्यों में फंसे हैं। मुझे अपने क्षेत्रों की जानकारी दें। परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए यात्रा व्यवस्था की कोशिश करने दें। किसी का भी एग्जाम साधनों की कमी से नहीं चूकना चाहिए।
बड़ा सवाल– यदि केंद्र सरकार को इतनी सुगबुगाहट JEE औऱ NEET की परीक्षा को लेकर है।
केंद्र क्यों नहीं राज्य को करता आदेश
तो राज्य सरकार को क्यों नहीं आदेश किया जा रहा कि आपके छात्रों को एग्जाम सेंटर तक लाने औऱ घर वापस सीधा छोड़ने की जिम्मेदारी आपकी है। हर बच्चे की जिम्मेवारी सरकार की होगी।लेकिन यहाँ तो सरकार का काम सोनू सूद करतें नज़र आ रहें है।ऐसा लगता है कि सरकार ने उनको जिम्मेदारी सौपी है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं ,सोनू सूद वाक़ई एक बहुत अच्छे इंसान औऱ बड़े दिल वाले है जो पहले करोड़ो प्रवासी मजदूरों की मदद करने के बाद, अब छात्रों के लिए भी तैयार हो चुके है लेकिन राज्य सरकार औऱ केंद्र सरकार को अपनी जिम्मेदारी का ज़रा भी एहसास नहीं हो रहा ।
भविष्य की चिंता तो नहीं लेकिन प्राइवेट कॉलेज का प्रेशर से जरूर हो रहीं परीक्षा ।
वे बच्चों के भविष्य की चिंता तो नहीं लेकिन अपने बिज़नेस पार्टनर औऱ प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज औऱ मेडिकल कॉलेज के प्रेशर ने उन्हें एग्जाम करने पर मजबूर कर दिया है तो सरकार सूट -बूट वाली सरकार को सही तरीक़े से प्रदर्शन क्यों कर रहीं है।कोई ग़रीब छात्र आख़िर कैसे 10हजार रुपये की गाड़ी करवा कर 2-3हज़ार का एग्जाम देने जाएगा ।
छात्र हर साल राजस्थान के कोटो में औऱ भारत के विभिन्न कोनों से इस परीक्षा की जी -जान से तैयारी करतें हैं।लेकिन इस बार सब धराशाई होता नज़र आ रहा है।