शिवराज सिंह :- प्रशासन फिर सुन लो, हाथ मत लगा देना, उंगली मत उठा देना, नहीं तो हम से बुरा कुछ नहीं होगा, क्योंकि टाइगर अभी जिंदा है
भोपाल / सिटी रिपोर्टर :- कल भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अतिथि विद्वानों के नियमतीकरण के प्रदर्शन पर बोलते हुए कहा कि ऐसी जुल्म करने वाली सरकार हमने नहीं देखी, जो अहिंसक आंदोलन करने वाले अतिथि विद्वानों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। हम अतिथि विद्वानों के साथ हैं, इनके हक की लड़ाई साथ लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहाँ की जो रिक्त पद पड़े हैं, उन पर इन अतिथि विद्वानों की सरकार नियुक्ति कर इन्हें नियमित कर दे, समस्या का समाधान हो जायेगा। शिवराज ने इस दौरान कहाँ की अपने अतिथि विद्वान भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि आपको अपनी जायज मांगें मनवाने के लिए अनशन पर बैठने की जरूरत नहीं है। आपकी मांगों को विधान सभा में भी हम पूरी ताकत के साथ उठायेंगे। इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो ईंट से ईंट बजा देंगे। मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि ये ऐसे लोग नहीं हैं कि कहीं से उठाया और अतिथि विद्वान बना दिये, बल्कि इनका चयन पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हुआ है। 25-25 साल से सेवा कर रहे हैं। अब उम्र के ऐसे पड़ाव पर ये कहां जायेंगे? सरकार इनके साथ न्याय करे। मेरी अतिथि विद्वान बहनों को पुलिस ने घसीट-घसीटकर वज्र वाहन में डाला। अतिथि विद्वानों के साथ ऐसा अन्याय होते मैं नहीं देख सकता।
सरकार ने इनकी मांगें नहीं मानी, तो हम सड़कों पर उतरने के लिए बाध्य होंगे। कमलनाथ जी को मुख्यमंत्री पद की शपथ लिये एक साल होने को आया। मैं मुख्यमंत्री जी से मांग करता हूं कि बिना एक क्षण गंवाए, अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का आदेश पारित कीजिए। गौरतलब है की शिवराज सिंह कल भोपाल के शाहजहाँनी पार्क में अतिथि विद्वानों की समस्याएँ जानने और उनके विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पहुँचे थे इस दौरान उन्होंने महज़ 01 साल पुरानी सरकार को जमकर कोसा।