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वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने विरोध और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए डीडीसीए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया

  • वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने डीडीसीए के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा 
  • खींचतान और दबाव के कारण दिया इस्तीफा 
  • अरुण जेटली के निधन के बाद काफी कमजोर पड़ गए थे रजत शर्मा

इंडिया टीवी के चीफ एडिटर और देश के वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने आखिरकार डीडीसीए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया हैं। सूत्रों का मानना है कि रजत शर्मा ने खींचतान और दवाब का आरोप लगाते हुए इस महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा दिया हैं। “द वायर” में छपी रिपोर्ट के अनुसार यह बताया गया है कि रजत शर्मा का डीडीसीए अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का कारण खींचतान और दबाव का आरोप लगाना हैं। 

रजत शर्मा ने बोला है कि डीडीसीए में निष्ठा ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं हैं। जिनसे मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा। इसके साथ ही साथ उन्होंने खींचतान और दबाव में पद पर बने रहने में भी असमर्थता जताते हुए इस पद से त्यागपत्र दे दिया। बता दें कि शर्मा ने अपने बयान में यह भी कहा है कि क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबाव से भरा रहता है मुझे ऐसा लगता है कि यहां पर स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हितों के खिलाफ ही सक्रिय रहता हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि मैंने इस पद से हटने का फैसला बना दिया बना लिया है और अपने पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र शीर्ष परिषद को सौंप दिया हैं। गौरतलब है कि रजत शर्मा का कुल कार्यकाल लगभग 20 महीने का रहा और इस पूरे 20 महीने के कार्यकाल को उठाकर देखें तो यह काफी उतार-चढ़ाव से भरा था। इसके साथ ही साथ उनके डीडीसीए के महासचिव विनोद हारा से मतभेद भी खुलकर सामने आए थे। आपको बता दें कि तिहार को अभी भी संगठन में अच्छा खासा समर्थन व मुकाम हासिल हैं।  

इसके साथ ही ज्यादा आपको बता दें कि जिस डीडीसीए की कमान इस समय रजत शर्मा संभाले हुए थे, एक समय इसी डीडीसीए के बॉस हुआ करते थे। यह भी माना जा रहा है कि उनके प्रिय मित्र स्वर्गीय अरुण जेटली के निधन के बाद रजत शर्मा काफी कमजोर पड़ गए थे। क्योंकि अरुण जेटली की डीडीसीए के सभी गुटों को एकजुटता पूर्वक रखने में महत्वपूर्ण भूमिका थी एवं उनके निधन के बाद से ही यह सारे गुट प्रखर होकर एक तरह से रजत के खिलाफ कार्य करना शुरू कर चुके थे। या यूं कहें कि रजत की पकड़ उन रूटों पर उतनी महत्वपूर्ण नहीं हो पाई जो महत्वपूर्ण भूमिका उनके मित्र अरुण जेटली निभाते थे। शायद यही कारण रहा कि रजत शर्मा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।

मालूम हो कि भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद व क्रिकेटर रह चुके कीर्ति आजाद ने अरुण जेटली पर सार्वजनिक मंच से डीडीसीए में धांधली का आरोप भी लगाया था। हालांकि यह आरोप हमेशा संशय के दायरे में ही रहे क्योंकि इसका जमीन पर कोई ठोस वजूद नहीं था।

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