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"आतंकवाद" का एक रूप हैं सड़कों पर प्रदर्शन करना, Shaheen Bagh पर बोले Arif Mohammed

नई दिल्ली – नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ करीब 70 दिन से धरना प्रदर्शन हो रहा हैं। प्रदर्शनकारियों ने शाहीन बाग में कालिंदी कुंज सड़क भी बंद कर दिया हैं। इसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं। 

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मोदी सरकार जब तक नागरिकता संशोधन अधिनियम को वापस नहीं ले लेती है, तब तक धरना प्रदर्शन खत्म नहीं किया जाएगा। उनका आरोप है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता हैं। 

बता दे कि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी लगाई गई हैं। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता खुलवाने के लिए वार्ताकारों को भेजा। इस दौरान वार्ताकार सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत भी की। हालांकि बातचीत के बावजूद भी कोई हल नहीं निकला। 

इसी बीच शुक्रवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शाहीन बाग प्रदर्शकारियों को लेकर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा की – ''चीजों को उलझाइए मत। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर दूसरों पर अपने विचार मत थोपिये। इतना ही नहीं आरिफ मोहम्मद खान ने इस कानून के खिलाफ  सड़क पर जिद करके बैठने को भी आतंकवाद करार दिया। 

खान ने अपने भाषण में कहा, ''असहमति लोकतंत्र का सार हैं। इससे कोई परेशानी नहीं हैं। लेकिन पांच लोग विज्ञान भवन के बाहर बैठ जाएं और कहें कि हमें यहां से हमें तब तक न हटाया जाए जब तक कि यह छात्र संसद एक प्रस्ताव स्वीकार नहीं कर लेती, जिसे हम स्वीकार करते हैं। यह आतंकवाद का एक और रूप हैं।

राज्यपाल ने ''भारतीय छात्र संसद'' में कहा, ''उग्रता केवल हिंसा के रूप में सामने नहीं आती। यह कई रूपों में सामने आती हैं। अगर आप मेरी बात नहीं सुनेंगे, तो मैं आम जनजीवन को प्रभावित करूंगा। 

ये पहली बार नहीं है जब राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर मोदी सरकार का समर्थन किया हो। इस से पहले जब केरल सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था, तो आरिफ मोहम्मद खान ने इसका विरोध किया था।

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