शाहीन बाग में चल रहे 50 दिनों के प्रदर्शन को लेकर मोदी बोले: इसके पीछे भाईचारा ख़त्म करने का इरादा है
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली के सीबीडी ग्राउंड में हुई चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सीलमपुर हो या जामिया हो या फिर शाहीन बाग, बीते कई दिनों से सीएए को लेकर प्रदर्शन हो रहा है। क्या ये प्रदर्शन सिर्फ एक संयोग हैं? नहीं, ये संयोग नहीं है, ये एक तरह का प्रयोग हैं, इसके पीछे राजनीति का एक ऐसा दिमाग है, जो राष्ट्र के सौहार्द को तोड़ने का इरादा रखता है।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि- आप और कांग्रेस राजनीति का खेल खेल रहे हैं। संविधान और तिरंगा रखकर ज्ञान बांटा जा रहा है, और मुख्य मुद्दों से भटकाया जा रहा है। यह मानसिकता यहीं रोकना जरूरी है। साजिश करने वालों की ताकत बढ़ी तो कल किसी और गली, किसी और सड़क को रोका जाएगा। दिल्ली में अराजकता को नहीं बढ़ने दिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को द्वारका में दूसरी रैली को संबोधित करेंगे। इस बार मोदी दिल्ली में सिर्फ दो ही रैलियां करेंगे। दिल्ली की 70 सीटों पर 8 फरवरी को मतदान होगा। नतीजे 11 फरवरी को आएंगे।
मीडिया को पब्लिक से बात करने को रोका गया
सभा स्थल पर मीडिया को पब्लिक से बात नहीं करने दी जा रही है। सुरक्षा व्यवस्था तीन स्तरों पर है। सुरक्षाकर्मियों का कहना है कि शाम पांच बजे के बाद ही मीडिया पब्लिक से बातचीत कर पाएगी। दरअसल, इस समय के बाद प्रधानमंत्री मोदी सभा स्थल से रवाना हो जाएंगे। इस बार सभा स्थल पर चुनिंदा मुस्लिम ही नजर आ रहे हैं।
- केजरी सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा- कुछ लोग राजनीति बदलने आए थे, उनका नकाब बदल चुका है। उनका असली मकसद उजागर हो गया है। सर्जिकल स्ट्राइक के वक्त इसी दिल्ली में देश की सेना, हमारे वीर जवानों को कठघरे में खड़ा करने वाले लोग आए थे। ये लोग शक कर रहे थे कि आतंकियों को मारा भी कि नहीं।
- ‘दिल्ली की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना नहीं लागू होने दी। ये लोग सोचते हैं कि दिल्ली में बिहारी आता है और लाखों का इलाज करवा कर चला जाता है। पूर्वांचल के लोगों को लेकर यही इनकी सोच है। पूर्वांचल के लोगों के लिए ऐसी दुर्भावना पर दर्द होता है।’
- ‘एक वक्त था कि आए दिन दिल्ली में बम धमाकों से लोग मारे जाते थे। जब दिल्ली पुलिस ने हमलों के गुनहगारों को बाटला हाउस में मार गिराया तो दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले यही लोग थे। यही लोग थे जो भारत के टुकड़े-टुकड़े करने वालों को बचाने की इच्छा रखते थे।