79 लाख से ज़यादा के घोटाले का हुआ खुलासा, आरोपियों के खिलाफ दर्ज होगी FIR, ये है पूरा मामला
मध्यप्रदेश/इंदौर – जांच दल द्वारा 12 उचित मूल्य दुकानों के निरीक्षण के दौरान 185625 किलो गेहूं, 69855 किलो चावल, नमक 3169 किलो, शक्कर 423 किलो, चना दाल 2201 किलो, साबुत चना 1025 किलो, तुअरदाल 472 किलो, केरोसीन 4050.5 लीटर के रिकार्ड में गड़बड़ी पाई गई। इस तरह राशन माफियाओं ने कुल 255480 किलो खाद्यान्न का गबन कर 79 लाख 4 हजार 479 रूपये का आर्थिक घोटाला किया गया। राशन माफियाओं ने 51096 हितग्राहियों को राशन से वंचित किया।
ये खुलासा इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह किया
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि उन्हें लगातार जिले की पीडीएस दुकानों से खाद्यान्न कम और वितरण नहीं होने की सूचना मिल रही थी, जिसके बाद 12 जनवरी को जांच दलों ने एक दर्जन से अधिक दुकानों पर छापामार कार्रवाई की और इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया। जांच में पाया गया की करीब ढाई लाख किलो से ज्यादा 51 हजार से अधिक गरीबो का राशन माफियाओं द्वारा हड़पा गया हैं।
कलेक्टर ने आगे बताया कि इस मामले में भरत दवे, श्याम दवे और प्रमोद दहिगुडे के खिलाफ रासुका की कार्यवाही होगी। आरोपियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 5/7 आईपीसी, 420 और राशन में अमानत में खयानत की धारा 409 और 120 बी के तहत मामला दर्ज होगा। उन्होंने कहा की अलग-अलग 5 स्थानों पर मामले में एफआईआर दर्ज करवाई जा रही हैं। वहीं, अनियमितता पाए जाने पर सम्पत्ति भी जब्त होगी। 31 लोगों पर विभिन्न थानों
इधर, लापरवाही के चलते इंदौर कलेक्टर ने खाद्य अधिकारी आरसी मीणा को निलंबित कर दिया हैं। जबकि कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा किए इस इस खुलासे के बाद से राशन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ हैं। बता दे कि यह पहला मौका नही है, इससे पहले महू, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर से बड़े घोटाले उजागर हुए थे।