मप्र वन मित्र पोर्टल पर पूर्व निरस्त वनाधिकार दावों के , निराकरण संबंधी बैठक संपन्न
मप्र वन मित्र पोर्टल पर पूर्व निरस्त वनाधिकार दावों के , निराकरण संबंधी बैठक संपन्न
सतना/मैहर से सैफ़ी खान की रिपोर्ट – : कलेक्टर अजय कटेसरिया की अध्यक्षता में गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में एमपी वनमित्र पोर्टल के माध्यम से पूर्व निरस्त वनाधिकार दावों के निराकरण संबंधी समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में वनमंडलाधिकारी राजीव मिश्रा, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण अविनाश पाण्डेय, समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं वन मंडल के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि वनाधिकार पट्टा संबंधी कार्यवाही सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए समय-सीमा में पूर्ण करें। वन भूमि पर काबिज अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासियों को वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम 2006 तथा नियम 2008 एवं संशोधित नियम 2012 के तहत काबिज लोंगो को पट्टा दिलाना सुनिश्चित करें। राजस्व एवं वन विभाग के अधिकारी आपस में समन्वय के साथ कार्य करें। मौके पर जाकर मौका-मुआयना कर सत्यापन कर पात्र-अपात्र की जानकारी तैयार करें। कलेक्टर ने कहा कि संबंधित अधिकारी यह देखें कि दावा जमीन पर उसका कब्जा हो एवं खेती हुई हो, खेती कब से कब तक हुई है कि जांच कर वनाधिकार पट्टा देने की कार्यवाही करें। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। वनवासियों को कब्जा भूमि का ही पट्टा दिया जाएगा।
कलेक्टर ने अनुविभागीय अधिकारियों से विकासखंडवार निरस्त/अमान्य व्यक्तिगत दावों के पुनः परीक्षण हेतु पंजीकृत दावेदार एवं दर्ज दावों की जानकारी प्राप्त की। जिसके अनुसार विकासखंड अमरपाटन में 185, उचेहरा में 4, चित्रकूट (मझगवां) में 2536, नागौद में 24, मैहर में 5, रामनगर में 80, रामपुर बघेलान में 136, सोहावल में 496 कुल 3466 उपखंड स्तरीय समिति के पास दावे प्राप्त हुए है। कलेक्टर ने कहा कि 3 पीढ़ी से वनभूमि में निवासरत/आश्रित वनभूमि पट्टा का पात्र होगा। गरीब एवं पात्र वनवासियों को पट्टा दिलाया जाना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने पात्र वनाधिकार पट्टाधारियों के दावों को तैयार कर समय-सीमा में जिला स्तर पर भेजे जाने के निर्देश दिए।