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मध्य प्रदेश: सिंगाजी पावर प्लांट में बचा सिर्फ दो दिन का कोयला, गहरा सकता हैं बिजली संकट

  • MP में भी कोयला संकट गहराने की स्थिति
  • प्रदेश में बचा हैं महज 592 हजार टन कोयला

 

मध्य प्रदेश/अंजली कुशवाह: देश में फ़िलहाल बिजली को लेकर संकट की स्थिति बानी हुई हैं. इसी बीच मध्यप्रदेश में भी कोयले को लेकर संकट गहराने लगा है. मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में फ़िलहाल 592 हजार टन ही कोयला बचा है. वही खरगोन में  पूरी तरह से कोयला ख़तम हो गया है. इसके अलावा प्रदेश के गाडरवारा में भी एक ही दिन का कोयला बाकी है. इन स्थिति को देखते हुए मध्य प्रदेेश में भी बिजली संकट पैदा हो सकता हैं. लेकिन इस मामले को लेकर, ऊर्जा मंत्री का दावा कर रहे है कि प्रदेश में बिजली संकट नहीं होने दिया जाएगा.

श्रीसिंगाजी थर्मल पावर में सिर्फ दो दिन का कोयला

मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश जनरेशन कंपनी के सबसे बड़े श्रीसिंगाजी थर्मल पावर में भी दो दिन के लिए ही कोयला शेष है. फ़िलहाल प्रदेश में बिजली की डिमांड 10 हजार मेगावॉट तक पहुंच रही है. इसकी तुलना में प्रदेश में थर्मल, जल, सोलर व विंड से महज 3900 मेगावॉट ही बिजली का उत्पादन हो पा रही है बाकी की बिजली सेंट्रल पावर से ली जा रही है.

वही मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी के मुताबिक कंपनी के थर्मल प्लांट को रोज 52 हजार टन कोयले की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा निजी थर्मल पावर के लिए 25 हजार टन और सेंट्रल थर्मल पावर प्लांट के लिए 111 हजार टन कोयले की खपत रोज होती है. इसकी तुलना में 7 अक्टूबर की स्थिति में प्रदेश में कुल 592 हजार टन कोयला है.

डिमांड से बहुत कम बिजली सप्लाई

प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में अभी 10 हजार मेगावॉट के लगभग बिजली की डिमांड पहुंच रही है. 08 अक्टूबर को प्रदेश में बिजली की डिमांड 9976 मेगावॉट पहुंची थी. इसमें 3970 मेगावॉट की सप्लाई ही एमपी के पावर प्लांटों और जल विद्युत संयंत्रों से हो पाया और बाकी की बिजली सेंट्रल सेक्टर से लेनी पड़ी.

पूरे देश के पॉवर प्लांट्स में कोयले की किल्लत

जानकारी के अनुसार ऊर्जा विभाग सूत्रों का कहना है कि केवल मध्य प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में कोयले से चलने वाले पॉवर प्लांट्स में कोयले की किल्लत हो गई है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह कह चुके हैं कि कुछ ही दिन का ही कोयला बचा है. भारत अपनी जरूरत की 70% बिजली कोयला जलाकर ही पैदा करता है. इस बयान के साफ संकेत हैं कि कोयले की कमी से आने वाले दिनों में बिजली का बड़ा संकट खड़ा हो सकता है.

इस मामले को लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा है कि कोल इंडिया को बकाया पैसों के भुगतान की व्यवस्था कर ली गई है. प्रदेश में बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी, लेकिन नवरात्रि के दौरान इसकी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.

बता दें कि प्रदेश में पहले से ही महंगाई में काफी उछाल आया हैं जिससे आम जनता काफी परेशान हैं. वहीं कोयले की कमी से प्रदेश में बिजली संकट जैसी बड़ी समस्या उत्पन्न होने आम जनता की मुसीबतों को और भी बढ़ा दिया हैं. अब आगे ये देखना होगा कि इस समस्या से निपटने के लिए सरकार कोई कदम उठाएगी या इस समस्या से आम जनता को खुद ही लड़ना होगा.

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