कुक्षी : नदी पार करने के बाद मिलता है अनाज, ज्यादा बारिश होने पर बह जाती है पूलिया
कुक्षी – ग्राम कापसी में सैकड़ो किसान नदी पार अपने खेतों में बहते पानी मे उतर कर जाने को मजबूर हुए।
कुक्षी से मनीष आमले की रिपोर्ट – ग्रामीणों का कहना है की बरसो से हम नदी में पुलिया बनाने की मांग करते आये है कई सरकार अयी और चली गई, कई नताओ ने आकर देखा और हमे आश्वाशन दिया और चले गए पर हमारी समस्या तस के तस रही।
किसानों द्वारा हर साल चंद इखट्टा करके स्वयम की मेहनत से खुद कच्चा पुलिया बनाते है और कार्य करते है साल में करीब 5-6 बार यह कच्चा पुलिया पानी मे तेज बहाव के कारण नष्ट हो जाता हैं।
ग्राम कापसी वाले किसानों को खेतों में जाने के लिए प्रति दिन कम से कम 5 , 6 बार इस नदी को पार करने के बाद जाना पड़ता है। हमारी बैलगाड़िया भी कई बार इस नदी में फस चुकी हैं।
ग्रामवासियों का कहना है कि हर साल बारिश के समय इस नदी में इतना पानी आता है कि हमे खेतो में जाने के लिए कमर कमर तक पानी मे से निकलना पड़ता हैं। पिछले साल ही एक बैलगाड़ी पानी मे बह गई थी, एक महिला भी पानी मे बह गई उस महिला को ग्रामवासियों ने बचा लिया परन्तु हमे अपने कार्यो के लिए बहुत मस्ककर करना पड़ती है।
इस मार्ग से आगे के गाँव कापसीपुरा में एक स्कूल भी आता है जहां बच्चे पड़ने जाते है स्कूल जाते वक्त बच्चे इसी नदी के पानी को पार करके निकलते है, आगे ग्रामवासियों के लिए प्रसाशन द्वारा राशन की दुकान भी है वहा जाने के लिए भी इसी नदी में से निकलकर राशन लेने जाना पड़ता हैं।
इस गाँव का एक मात्र शमशानघाट है जहां जाने के लिए ग्रामवासियों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है बारिश के समय तो दूर जाकर पृरा घूमकर आना पड़ता हैं।
ग्राम पंचायत के कई कार्यो के लिए भी इसी नदी को पार करके जाना पड़ता हैं।
इस मार्ग में कुक्षी की नई मंडी का भी रास्ता जाता है जिससे छोटे छोटे ग्रामवासियो के लिए आसान होगा। ग्रामवासियों का यह भी कहना है कि हमारे कृषि के साधनों को नदी में पुलिया नही होने के कारण हम खेतो तक सिर पर उठाकर ले जाते हैं।
ग्रामवासियो की मांग है कि प्रसाशन की जो भी योजनाएं है उस योजना में इस नदी में प्रसाशन द्वारा एक छोटा पुलिया बनाया जाय। क्योंकि इस मार्ग से मनवर, बाग वाला रॉड भी निकलता है और रास्ते मे आने वाले कई छोटे छोटे गाव है जो कापसी से सम्पर्क में आते हैं।