ढीमरखेड़ा : विस्टा कंपनी की रेत का टोकन ऑल इंडिया परमिट, कलेक्टर का यह कैसा आदेश !
ढीमरखेड़ा : विस्टा कंपनी की रेत का टोकन ऑल इंडिया परमिट, कलेक्टर का यह कैसा आदेश !
- फर्जी टोकन नहीं लेने पर कंपनी खुद पकड़वा रही वाहन, अवैध उत्खनन और परिवहन का चल रहा खेल
- विस्टा कंपनी ने माइनिंग विभाग को बनाया “कठपुतली”
- NGT का खुलेआम उललंघन लेकिन प्रशासन मौन
द लोकनीति डेस्क कटनी (ढीमरखेड़ा)
कटनी जिले कि ढीमरखेड़ा तहसील में रेत कंपनी का टोकन ऑल इंडिया परमिट है। यदि आपके पास कंपनी का फर्जी टोकन नहीं है तो कंपनी रेत से भरे ट्रैक्टर और दूसरी तालियों खुद पकड़वा रही है। इतना ही नहीं यदि आपके पास कंपनी का टोकन है तो पुलिस माइनिंग और राजस्व विभाग की टीम आप को हाथ नहीं लगा सकता। कंपनी की मर्जी है कि वह किस वाहन को खुद पकड़वा दे। शासन और प्रशासन के बीच कंपनी का इतना दबदबा है कि एक भी वाहन बिना टोकन के क्षेत्र के बाहर नहीं जा सकता।
जानकारी के मुताबिक ढीमरखेड़ा क्षेत्र की दतला नदी से अवैध तरीके से निकाली जा रही रेत के परिवहन के लिए विस्ता कंपनी का टोकन होना जरूरी है। बिना टोकन कि आप क्षेत्र के बाहर कहीं रेत नहीं ले जा सकते। कहने को तो एनजीटी के नियम के मुताबिक बारिश में रेत का खनन और परिवहन 15 अक्टूबर तक प्रतिबंधित है, लेकिन जिले के अधिकारियों ने कंपनी को पूरी तरह छूट दे रखी है। कंपनी के आदमी किसी भी रेत से भरे वाहन को रोका नहीं होने पर पकड़ लेते हैं और अगर आपके पास कंपनी का टोकन है तो राजस्व माइनिंग और पुलिस आपको छू भी नहीं सकती।
कार्रवाई करने से कतरा रहे अधिकारी : शासन के स्पष्ट निर्देश है कि रेत के अवैध उत्खनन परिवहन और भंडारण को लेकर कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके लिए कलेक्टर ने बाकायदा राजस्व और माइनिंग विभाग की टीम गठित भी कर दी, अधिकारी कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। मतलब साफ है कि क्षेत्र में जाना तो जरूर है लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं करना है।
भंडारण की अनुमति, काट रहे खुलेआम रायल्टी पर्ची : कंपनी के पास वास्तविक तौर पर माना जाए तो सिर्फ रेत के भंडारण की अनुमति है लेकिन कंपनी खुलेआम अपना टोकन काटकर अवैध वसूली कर रही है। दशरमन के पास नाका लगा कर हर वाहन पूर्व कर 15 सो रुपए का टोकन काटा जाता है इसके बाद ही कोई वाहन रेत लेकर बाहर निकलता है। कंपनी के इशारों पर शासन प्रशासन और पुलिस काम कर रही है जिसे चाहा उसके वाहन को पकड़वा दिया और रेत की जब्ती के नाम पर उसी रेत से भरे वाहन को कंपनी के भंडारण में पलटा दिया।