कोरोना और बेरोजगारी से इस बार भी फीकी नजर आ रही है फालेन आउट अतिथि विद्वानों की होली!
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कोरोना और बेरोजगारी से इस बार भी फीकी नजर आ रही है फालेन आउट अतिथि विद्वानों की होली
भोपाल:– मध्यप्रदेश में अतिथि विद्वान बीते डेढ़ साल से सेवा में बहाली को लेकर मांग कर रहे हैं पर अभी तक उनकी सेवा में बहाली नहीं हुई है.. एक-एक कर कई फालेन आउट अतिथि विद्वानों ने आत्महत्या कर ली.
जब सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी तो वर्तमान भाजपा के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनके धरना स्थल पर पहुंचकर फालेन आउट अतिथि विद्वानों का समर्थन किया था और कहा था कि उनकी सरकार वापस आते ही सबसे पहला काम होगा कि अतिथि विद्वानों की सेवा में बहाली पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सत्ता में आए 1 साल 3 दिन हो गए पर अभी तक अतिथि विद्वानों की स्थिति जस की तस है उनकी सेवा में बहाली नहीं हो पाई है..
अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी अपनी सरकार के खिलाफ मुखर हुए हैं उन्होंने कहा है कि जब इतने लंबे समय तक अतिथि विद्वानों ने मध्य प्रदेश के बच्चों को पढ़ाया है उन्हें सेवाएं दी है अतिथि विद्वानों की उम्र बढ़ती जा रही है उनके पास अब रोजगार के कोई साधन नहीं है, तो ऐसे में सरकार मानदेय तय करे. और जल्द ही अतिथि विद्वानों को सेवा में वापस ले.. इस मुद्दे पर नारायण त्रिपाठी ने आवाज उठाने की बात भी कही है..