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प्रदेश में फिर खिलेगा "कमल", बीजेपी के पास बहुमत! गिरेगी "नाथ" सरकार? 

भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश में चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच कांग्रेस जहां सरकार बचाने की कवायद में जुट गई है, वहीं बीजेपी प्रदेश में एक बार फिर कमल खिलाने की तैयारी कर रही हैं। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद प्रदेश में इस्तीफों का दौर चला। सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया हैं। ऐसे में कमलनाथ सरकार पर घेरा संकट मंडराया हुआ हैं। वहीं,  विधायकों की संख्या को लेकर बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने अपना गणित बिठाना शुरू कर दिया हैं। 

क्या है विधानसभा का गणित

प्रदेश में अभी विधानसभा की सीटों पर नजर डालें तो विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। 2 विधायकों के निधन हो जाने के कारण 2 सीटें रिक्त हो चुकी हैं।  इसके बाद कुल विधायकों की संख्या 228 बच जाती हैं। यदि 22 विधायकों के इस्तीफे मंज़ूर हो जाते है तो विधानसभा में विधायकों की संख्या 206 हो जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए किसी भी दल को 104 विधायक चाहिए होंगे। 

बीजेपी ने किया बड़ा दावा 

प्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच बीजेपी ने इस बात का दावा किया गई कि उसके पास बहुमत का आकड़ा हैं। बीजेपी का दावा है कि उसके पास अभी 107 विधायक हैं। साथ ही कहा है की ये संख्या अभी और बढ़ सकती हैं। फ़िलहाल बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को दिल्ली और दिल्ली से किसी अज्ञात स्थान पर रखा हैं। 

कांग्रेस के पास है 99 विधायक 

कांग्रेस की बात करें तो 20 से 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद उसके पास कुल 94 हो गई है, लेकिन यदि कांग्रेस को समाजवादी पार्टी के दो, बसपा के दो सपा का एक और निर्दलीय 4 विधायकों का समर्थन मिलता है तो  कांग्रेस के विधायकों की संख्या लगभग 99 के आसपास हो जाएगी। 

सीएम कमलनाथ ने तैयारी की टीम 

कमलनाथ सरकार अपने सभी बागी विधायको को मानाने में जुट गई हैं। इसके लिए कांग्रेस पार्टी के सभी बड़े नेता प्लान में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कई टीमें गठित की हैं। एक टीम बेंगलुरू और दूसरी टीम दिल्ली के लिए गठित की हैं। जबकि तीसरी टीम कांग्रेस विधायकों को लेकर राजस्थान में हैं। 
ये टीमें बागी तेवर दिखाने वाले विधायकों से संपर्क करने की कोशिश करेगी। 

दोनों ही सियासी दलों की कोशिश है कि अपने विधायकों को साधा रखा जा सके। 

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