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किसान दिवस:- आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को, नींद कैसे आ रही है, देश के प्रधान को?? 

किसान दिवस:- आत्महत्या की चिता पर देखकर किसान को, नींद कैसे आ रही है, देश के प्रधान को?? 

 द लोकनीति डेस्क: गरिमा श्रीवास्तव

 देश भर में किसानों का आंदोलन बीते 28 दिनों से लगातार जारी है. आज किसान आंदोलन का 28 वां दिन है. नहीं कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान अब आंदोलन को तेज करने की कवायद में जुट गए हैं. किसानों ने सोमवार से सभी धर्मों स्थलों पर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू करने का फैसला किया है. 


 आज किसान दिवस पर देश भर के सभी किसान कृषि बिल के खिलाफ कड़ाके की ठंड में सड़कों पर है. इस आंदोलन में कई किसानों की मौत हो गई तो कई किसानों ने आत्महत्या कर ली.
केंद्र सरकार की ओर से किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रण पर किसान यूनियनों की तरफ से अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। किसान नेता दर्शन पाल के ई-मेल के जवाब में किसान यूनियनों से चर्चा के बाद बातचीत के लिए अपनी सुविधा के अनुसार तारीख चुनने का विकल्प मांगा है।
 हर किसान दिवस पर किसान एक समय का खाना नहीं खाएंगे. साथ ही हरियाणा में 25 से 27 सितंबर तक टोल फ्री करने का ऐलान भी किया है. आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर अन्नदाता दिवस मनाया जाएगा. इस दिन देश के सभी किसानों से एक समय के भोजन को त्यागने की अपील की गई है..
 इसके साथ ही आज किसान 11:00 बजे सरकार की तरफ से आए हुए पत्र को लेकर बैठक करेंगे..
 किसानों की स्थिति बुरी हो गई है पर फिर भी वह पीछे हटने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि कृषि कानून को हर हाल में खत्म किया जाना चाहिए.. पर भाजपा की सरकार कृषि कानून में संशोधन को तो तैयार है लेकिन कानून को खत्म करने को तैयार नहीं.

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