हाईकोर्ट से लगा कमलनाथ सरकार को जबरदस्त झटका,गोपाल भार्गव ने कसा तंज

- हाईकोर्ट ने दिया सरकार को बड़ा झटका, जिस पर नेता प्रतिपक्ष भार्गव ने साधा है निशाना
- इंदौर उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ से राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है
इंदौर :- मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने आज नगर पालिकाओं और नगर निगम के सीमांकन के लिए अपनाई जा रही सभी प्रक्रियाओं पर स्टे लगा दिया है। पार्षद दिलीप शर्मा और भरत पाठक द्वारा लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आज हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सरकार द्वारा कलेक्टरों को दी गई सीमांकन की प्रक्रिया पर पूरे प्रदेश में रोक लगा दी है।
बता दें कि यह याचिका नैनोद गांव को और बांक गांव को शामिल होने के मामले में लगाई गई थी।
कोर्ट के आदेश के बाद नैनोद गांव को और बांक गांव को इंदौर में शामिल करने के साथ प्रदेश भर में यह प्रक्रिया रोक दी गई है।
कोर्ट का फैसला आने के बाद ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार पर अपना सीधा निशाना साधा है, बरहाल इंदौर नगर निगम में शहर के आसपास के सभी गाँवों को मिलाकर कुल 29 गांवों को शामिल किया गया था।
इसके बाद बांक और नैनोद गांव को शामिल करने के साथ प्रदेश भर में सीमांकन प्रक्रिया को रोक दिया गया है, कोर्ट ने दोनों पक्ष के तर्क सुनने के बाद अपना यह फैसला दिया जिसके बाद इस मामले में प्रदेश के सभी नगर निगम नगर पालिका सीमांकन चल रही प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए, ट्वीट कर कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट इंदौर के निर्णय को स्पष्ट कर दिया कि नगरों के परिसीमन को लेकर जो प्रक्रिया सरकार ने अपना ही है वह पूर्णतः गलत है, कांग्रेस सरकार सत्ता हासिल करने के लिए अपनी सीमाओं को तोड़ रही है।
साथ ही उन्होंने लिखा कि भाजपा प्रारंभ से ही कमलनाथ सरकार द्वारा नगरीय निकायों के परिसीमन प्रक्रिया का विरोध करती आई है।
यह सरकार अपने हित साधने के लिए शहर और नगरों को बांटने का प्रयास करती रही है, सरकार लोकतंत्र का गला घोट रही है और मर्यादाओं का उल्लंघन कर रही है।