जबलपुर : MP गजब है ,धान पंजीयन के नाम पर बड़ा घोटाला, यहाँ ऑपरेटर और प्रबंधकों ने मिलीभगत कर किसानों के पंजीयन कर दिए व्यापारियों के नाम
जबलपुर : MP गजब है ,धान पंजीयन के नाम पर बड़ा घोटाला, यहाँ ऑपरेटर और प्रबंधकों ने मिलीभगत कर किसानों के पंजीयन कर दिए व्यापारियों के नाम
The Lokniti Exclusive
- पनागर –पाटन के बाद अब मझौली में सामने आया घोटाला…..
- सूत्रों की माने तो पूरे मध्यप्रदेश में चल रहा यह खेल…….
- सत्यापन के लिए जब पटवारी पहुंचे खेत तब सामने आया मामला….
- नीचे से ऊपर तक अधिकारियों से शिकायत, नहीं हुई कोई कार्रवाई ,सिर्फ़ किसानों को जांच का झुनझुना
द लोकनीति डेस्क जबलपुर
मध्यप्रदेश में किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले अक्सर मामले सामने आते हैं। चाहे बात किसानों की कर्जमाफी की हो या धान के पंजीयन की,हर जगह एक जैसा यह गन्दा खेल खेला जा रहा है और किसानो के मुँह से रोटी छीनी जा रही है। ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले का है जहाँ समितियों के प्रबंधक और ऑपरटर ने मिलीभगत कर किसानों के साथ बड़ी धोखाधड़ी करते हुए ऑनलाइन पंजीयन में गड़बड़ी कर उन्हें व्यापारियों के नाम कर दिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब पंजीयन सत्यापन के लिए पटवारी किसान के खेत में पहुँचा ,तब पटवारी ने किसान को फोन घुमाया और कहा कि आपने अपना खेत किसी को सिकमी में दिया है तो किसान ने घबराकर कहा ” नहीं मैंने अपने खेत में ख़ुद धान बोई है और उसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है ” उसके बातें सुनकर पटवारी ने कहा –” रिकॉर्ड में इस ख़सरे का पंजीयन आपके नाम पर नहीं बल्कि दूसरे के नाम पर बता रहा है “।
केस नंबर 1
ज़िले की मझौली तहसील के आलासूर के किसान रामगोपाल पटेल ने बताया कि उन्होंने 23 सितम्बर को सेवा सहकारी समिति लखनपुर के हरसिंघी केंद्र में 6.95 hectare का धान विक्रय का पंजीयन कराया था। 19 अक्टूबर को पंजीयन के सत्यापन के लिए सम्बंधित हल्के का पटवारी उनके खेत पहुंचा। ऑनलाइन पंजीयन के सत्यापन के दौरान प.ह.नंबर 58 खसरा नंबर 177/1 रकबा 0.62 hectare , प.ह.नंबर 58 खसरा नंबर 177/2 ,रकबा 0.63 hectare , प.ह.नंबर 17 खसरा नंबर 2/1 रकबा 2.36 hectare का पंजीयन क्रमश: प्रकाश -दिनेश, प्रकाश -दिनेश, श्री राधा कृष्ण चंद्र जी मंदिर ट्रस्ट ,पटोरी सर, प्रणय पांडेय के नाम पर दर्ज़ था। यह देखते ही पटवारी ने उस खेत के भूमि स्वामी किसान को फोन कर मौके पर बुलाया और जानकारी दी। अपने जमीन के ख़सरे का पंजीयन किसी दूसरे के नाम पर देखकर किसान के पैरों तले जमीन ख़िसक गई कि आखिर मैंने अपना रजिस्ट्रेशन विधिवत कराया था लेकिन यह ऑनलाइन गड़बड़ी किसने की ,मैं तो बर्बाद हो जाऊँगा अब में अपनी धान कहाँ बेचूंगा। किसान का आरोप है कि उसके साथ रजिस्ट्रेशन में यह धोखाधड़ी ऑपरेटर और प्रबंधक ने मोटी रकम लेकर व्यापारियों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए की है।
(पहले ) (अब )
केस नंबर 2
मझौली तहसील के ग्राम मझगवां के किसान छोटे पटेल ने बताया कि उन्होंने 17 सितम्बर को सेवा सहकारी समिति लखनपुर के हरसिंघी केंद्र में 8.51 hectare में धान विक्रय का पंजीयन कराया था। पंजीयन होने के बाद मुझे बक़ायदा रसीद भी दी गई। मेरे खसरा नंबर 176 ,183 का पंजीयन किसी प्रेम किशन के नाम पर बदल दिया गया है। शेष पंजीयन का अता -पता नहीं चल रहा है,किसान का आरोप है कि कूटरचना कर दलालों के नाम पर प्रबंधक और ऑपरेटर ने मेरा पंजीयन निरस्त कर दिया। अब मैं अपनी धान कहा बेचूंगा इनके कारण मुझे लाखों रूपये का नुकसान हुआ है। पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
केस नंबर 3
मझौली तहसील के सिमरिया गाँव के किसान महेश पटेल ने बताया कि – उन्होंने 25 सितम्बर को सेवा सहकारी समिति लखनपुर के हरसिंघी केंद्र में 3.50 hecatre में खुद का और भतीजे की जमीन का पंजीयन के अलावा 15hectare जमीन सिकमी (किराये) से लेकर धान विक्रय का रजिस्ट्रेशन कराया था। किसान ने आरोप लगाया कि उसका पंजीयन रातों-रात समिति प्रबंधक और ऑपेरटर ने निरस्त कर किसी दूसरे के नाम पर रजिस्ट्रेशन कर दिया। मुझे इसकी जानकारी पटवारी से मिली।
किसान ने घोटाले को लेकर प्रशासन और सरकार को दी चेतावनी कहा “न्याय दो नहीं तो कर लूंगा आत्महत्या “
मैं पहली बार सिकमी से जमीन नहीं ले रहा हूँ इसके पहले भी ज़मीन सिकमी से लेकर उसका पंजीयन कराकर सोसाइटी में धान बेचीं है। यदि ” मै ग़लत हूँ तो मुझे जेल में डाल दिया जाए ,और मैं सही हूँ तो मेरा पंजीयन मुझे वापस किया जाए। ” किसान ने इसको लेकर प्रशासन को चेतावनी दी है कि मैंने सभी नीचे से लेकर उच्च स्तर के अधिकारियो को लिखित शिकायत दी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। “मैं बर्बाद हो गया मुझे सिकमी के पैसे भी देने है अब मैं अपनी धान कहा बेचूंगा ” मुझे न्याय दिया जाए वरना में मजबूर किसान की तरह आत्महत्या कर लूंगा।
ऐसे हुआ खुलासा। …. वरना इस घोटाले की नहीं थी किसी को भनक
दरअसल 15 अक्टूबर को धान पंजीयन की अंतिम तारीख़ को जबलपुर ज़िले में एकाएक 5000 रजिस्ट्रेशन हुए जिसको लेकर जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को कुछ शंका हुई। कलेक्टर ने ज़िले के सभी SDM को निर्देशित किया कि तहसीलदार के माध्यम से पटवारियों को धान पंजीयन का सत्यापन करवाया जाए और मौके पर पहुँच कर सारे अपडेट मुझे चाहिए। पटवारी जब मौके पर पहुंचे और अपनी लॉग इन ID से पंजीयन का सत्यापन किया तो उनके होश उड़ गए। और लगातार किसानों के पंजीयन से छेड़छाड़ कर उनके पंजीयन व्यापारियों और दलालों के नाम पर कर दिए गए।
कई किसानों को धान विक्रय पंजीयन से छेड़छाड़ की अभी तक नहीं है जानकारी
जबलपुर जिले में यह खेल बड़े पैमाने में चल रहा है ,पहले पनागर ,फ़िर पाटन और अब मझौली तहसील में ऐसे मामले सामने आ रहे है। किसान केंद्रों में जाकर धान पंजीयन का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद पूरी तरह निश्चिंत हो जाते है कि अब उनकी धान विक्रय केंद्र में MSP पर बिक जायेगी लेकिन उन किसानों को नहीं मालूम है कि दलाल और बड़े व्यापारी उनको और सरकार को कई करोड़ो को चूना लगाकर उनके हक़ पर डांका डाल रहे है। जिनका साथ अधिकारी और स्थानीय नेता भी दे रहे है। यदि पूरे मध्यप्रदेश के हर ज़िले में सही तरीके से कड़ी जाँच की जाये तो हर तहसील में ऐसे बड़े मामले सामने आएंगे।
इनका कहना
शासन के निर्देशानुसार धान का जो भी पंजीयन हुआ है उसे क्रॉस चेक किया जाए शासन की मंशा है कि वास्तविक किसान को ही पंजीयन का लाभ मिले। यदि कोई बिचौलिया इसका लाभ लेने की कोशिश कर रहा है तो उसे विधिवत रोकना है जो भी शिकायतें आई हैं, उसकी जांच की जा रही है जांच के आधार पर विधि अनुसार कार्रवाई की जाएगी। राजस्व विभाग इसकी जांच कर रहा है जो सही पाया जाएगा वह यथावत रहेगा और जो दूसरी रहेगा उसे हटा दिया जाएगा।
चंद्र प्रताप गोहिल, एसडीएम सिहोरा