सभी खबरें

Jabalpur: सरकार ने बढ़ाई धान खरीदी की तारीख तो, कलेक्टर ने बताया इसे किसानों की गलती, अब कहा जाए किसान?

जबलपुर / खाईद जौहर – मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार एक बार फिर किसानों के बीच घिरती हुई नज़र आ रहीं हैं। इस बार भी धान खरीदी सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनती हुई दिख रहीं हैं। सरकार के साथ साथ ये धान किसानों के लिए भी मुसीबत का सबब बनी हुई हैं। दरअसल पहले 25 नवंबर और अब 2 दिसम्बर के बाद शुरू हुई धान की खरीदी पटरी पर नहीं आ पाइ हैं। 

कर्ज के बोझ और केन्द्र से राशि न मिल पाने की दलीलों के बीच किसानों से धान की खरीदी इस साल शुरूआत से ही विवादों में घिरी हुई हैं। हालात ये है कि सैकड़ो किसानो ने अब तक अपने अनाज़ को घरो से नही निकाला है जबकि कुछ ऐसे है जो आज भी खुले आसमान की नीचे अपनी उपज रखे उसकी तकवारी कर रहे हैं। बता दे कि खुले आसमान में धान रखे होने से नमी भी आ गई है, जबकि कुछ हिस्सा खराब भी हो गया है। ऐसे में किसान जाए तो आखिर जाए कहां। खरीदी के समय में बदलाव आने से किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही हैं। 

बताया जा रहा है कि धान खरीदी केन्द्रों की जानकारी न मिल पाने और खरीदी की तारीख बढ़ने की सूचना न मिल पाने से किसानों ने पिछले साल बने खरीदी केन्द्रों में ही अपना सैकड़ों क्विंटल अनाज रख दिया। फिर जब तारीख बदली तो करीब एक सप्ताह तक अपने अनाज की चैकीदारी भी की। 

जबलपुर जिले की करे तो यहाॅ 61 केन्द्रों में धान की खरीदी होना है जिसमें से अभी 17 केन्द्र ही शुरू हो पाए हैं। जिले के कलेक्टर का कहना है कि 61 मे से 40 खरीदी केन्द्र वेयरहाउस के पास ही बनाए जाने का प्रस्ताव है ताकि परिवहन के अपव्यय से बचा जा सके। वहीं किसानों द्वारा धान को अनाधिकृत केन्द्रों में रखे जाने पर कलेक्टर ने इसे किसानों की गलती बताया। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button