सभी खबरें

मप्र हाईकाेर्ट का महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश ,राज्य शासन सहित अन्य को जारी किया नोटिस

मध्यप्रदेश/जबलपुर(jabalpur) – :  मध्य प्रदेश(Madhyapradesh) हाई कोर्ट(High Court) ने  एक महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश में अब साफ कर दिया कि निजी स्कूल छात्र-छात्राओं से सरकार के आदेशानुसार सिर्फ शिक्षण शुल्क यानि (ट्यूशन फीस) लेने के अधिकारी हैं। वह मन माने तरीके से अन्य फीस वसूली  नहीं कर सकते है।

हाई कोर्ट ने इस सख्त अंतरिम आदेश के साथ-साथ राज्य शासन, स्कूल शिक्षा विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर 28 जुलाई तक जवाब-तलब किया है। गुरुवार को न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन(Atul sredharn) की एकल पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई । इस में याचिकाकर्ता भोपाल(Bhopal) निवासी अमित शर्मा(Amit sarma) की तरफ  से अधिवक्ता अजय गुप्ता(Ajay gupta) ने पक्ष रखा। दलील दी कि मध्य प्रदेश के कई निजी स्कूल विद्यार्थियों के अभिभावकों से मनमानी फीस वसूल रहे हैं।

कोरोना(Corona) वायरस के खतरे से बचाव के लिये लागू किए गए लॉकडाउन(Lockdown) के कारण राज्य के सभी स्कूल बंद हैं। इसके बाद भी भोपाल का भदभदा रोड स्थित बिलाबोंग इंटरनेशनल हाई स्कूल छात्रों से ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर ट्यूशन फीस के अलावा बिल्डिंग, एक्टिविटी सहित अन्य कई मदों में फीस वसूल कर रहा है। जबकि राज्य सरकार ने 24 अप्रैल व 16 मई को इस संबंध में स्पष्ट आदेश दिए हैं कि स्कूलों में नियमित रूप से पढ़ाई चालू होने तक छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य किसी मद में फीस न वसूल की जाए।

सरकार के निर्देश का सरासर उल्लंघन हो रहा है – :

अधिवक्ता अजय गुप्ता ने ये भी दलील दी कि सरकार के आदेश-निर्देश का सरासर उल्लंघन कर निजी स्कूल मन मानी कर रहे हैं। कोरोना संकट के कारण अभिभावकों की माली हालत पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। उन्होंने  निजी स्कूल के इस फरमान पर रोक लगाने का आग्रह किया। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्कूल को ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस वसूलने पर रोक लगाते हुए अनावेदकों से जवाब-तलब कर लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button