गोरखपुर ऑक्सीजन कांड: 60 बच्चों की मौत,सामने आई जाँच रिपोर्ट ,डॉ. कफील खान निर्दोष,क्या वाकई कोई भी दोषी नहीं ?
गोरखपुर ऑक्सीजन कांड: 60 बच्चों की मौत,सामने आई जाँच रिपोर्ट ,डॉ. कफील खान निर्दोष,क्या वाकई कोई भी दोषी नहीं ?
ऑक्सीजन कांड भले ही बीआरडी में हो रही बच्चों की मौत को सुर्खियों में ले आया हो, लेकिन इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से हर रोज दम तोड़ रहे बच्चों के परिजनों की सुधि न तो कभी सरकारों ने ली और न ही राजनीतिक पाटियों ने. यहां चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे तो किए गए, लेकिन बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं रुका. पिछले चार दशक से पूर्वांचल में अपना पांव पसार चुकी इस बीमारी ने हजारों मासूमों को असमय ही काल के गाल में समा लिया.
इंसेफेलाइटिस(Acute encephalitis syndrome (AES) )
इंसेफ्लाइटिस वास्तव में मानव मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी है. हमारे मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं. इनके सहारे शरीर के अंग काम करते हैं. जब इन कोशिकाओं में सूजन या कोई अन्य दिक्कत आ जाती है, तो इसे ही एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहते हैं.
. इसे दिमागी बुखार भी कहा जाता है. … चमकी बुखार में वास्तव में बच्चों के खून में सुगर और सोडियम की कमी हो जाती है.
ब्रह्मदेव यादव ने अपने जुड़वां नवजात बच्चों को खो दिया
इस कांड में गोरखपुर के बेलीपार के बाघागाड़ा के रहने वाले ब्रह्मदेव यादव ने अपने जुड़वां नवजात बच्चों को खो दिया था. उस रात की घटना को याद करते हुए ब्रह्मदेव सहम उठते हैं. नम आंखों से उस खौफनाक रात की घटना को बयान करते हुए ब्रह्मदेव बताते हैं कि इंसेफेलाइटिस वार्ड में अफरातफरी मची हुई थी. हर कोई अपने बच्चे की जिंदगी की भीख मांगते हुए नजर आ रहा था. ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने से मेरे दोनों बच्चों ने मेरे सामने ही दम तोड़ दिया. इस खौफनाक मंजर को मै कभी नहीं भूला सकता.
ख़ैर ,गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में 60 बच्चों की मौत 2017 में हुई ,इसे हम बदल नहीं सकते ,लेकिन बरहाल तैयारी ज़रूर कर सकते थे
इस कांड में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को जमकर घेरा गया था , लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला
फ़िलहाल अब वो राजनीति कही दिखाई नहीं देती जहाँ अपने कर्तव्यों और गलतियों के लिए इस्तीफ़ा दे दिया जाता था , प्रधानमंत्री मोदी ने आख़िरकार कुछ हफ्तों बाद चुप्पी तोड़ी और बच्चों को मन की बात में श्रदांजलि दे डाली
सच में समय के साथ हम कितने आधुनिक हो गए हैं
कभी निर्भया रेप ,कभी फ़लाना रेप ,कभी बच्चों की मौत पर हम अपनी सोशल साइट्स और व्हाट्सअप ,फ़ेसबुक में अपना प्रोफाइल पर स्टेटस डालकर ,मोमबत्ती जलाकर श्रदांजलि देने में पीछे नहीं रहते ,क्योंकि सभी यहीं करते है |
60 बच्चों की मौत मामले में डॉ. कफील खान दोषी नहीं,
अप्रैल में आ गई थी रिपोर्ट लेकिन क्लीनचिट मिलने के बाद बताई जेल की दास्तान
बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 10 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी से कई बच्चों की मौत हुई थी. डॉक्टर कफ़ील को लापरवाही, भ्रष्टाचार और ठीक से काम नहीं करने के आरोप में सस्पेंड किया गया था. लेकिन अब विभागीय जांच रिपोर्ट में डॉक्टर कफ़ील को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है. इससे पहले डॉक्टर कफ़ील ख़ान इन्हीं आरोपों में 8 महीने की जेल काट चुके हैं. ये जांच रिपोर्ट भी इस साल 18 अप्रैल को ही आ गई थी लेकिन डॉ कफ़ील को कल ही दी गई.
Those parents who lost their infants are still waiting for the justice.I demand that government should apologize and give compensation to the victim families.@PTI_News @TimesNow @myogiadityanath @narendramodi @ndtv @ravishndtv @abhisar_sharma @yadavakhilesh @RahulGandhi @UN pic.twitter.com/WaTwQSCUuZ
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) September 27, 2019
कब क्या हुआ :
- गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त 2017 को ऑक्सीजन की कमी के चलते कई बच्चों की मौत हो गई.
- अखबारों और सोशल मीडिया में डॉ कफील को हीरो बताया गया क्योंकि उन्होंने बाहर से सिलेंडर मांगकर कई बच्चों की जान बचाई.
- 22 अगस्त को डॉ. कफील को लापरवाही बरतने और तमाम गड़बड़ियों के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया.
- 2 सितंबर 2017 को डॉक्टर कफील को जेल भेज दिया गया.
- 25 अप्रैल 2018 को 8 महीने बाद डॉ. कफील को जमानत मिल गई.
- मार्च 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि डॉ. कफील की जांच पूरी होने के बाद 90 दिन के अंदर उनको सौंपी जाए.
- यह जांच रिपोर्ट 18 अप्रैल 2019 को आ गई थी. लेकिन डॉ. कफील को 26 सितंबर को दी गई.
फ़िलहाल अब जाँच रिपोर्ट आ गई हैं , डॉ. कफील खान दोषी नहीं हैं ,लेकिन क्या वाकई कोई भी दोषी नहीं हैं , मेरी माने तो आप है दोषी, क्योंकि आप जबतक
अस्पताल की शक्ल नहीं देखते जब तक कोई आपका वहाँ ना हो ,क्यों आप सत्ता में काबिज़ लोंगों से ये बड़ा सवाल नहीं करते ?आप सभी के लिए, डॉक्टर नवाज़ देवबंदी की ग़ज़ल के अशआर
जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है
आपके पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका हैउस के क़त्ल पे मैं भी चुप था मेरा नम्बर अब आया
मेरे क़त्ल पे आप भी चुप है अगला नम्बर आपका है