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शहर में जोखिम से बचे बुजुर्ग और दिव्यांग, ग्रामीणों के घर पर जा के किया जन धन का भुगतान

मध्यप्रदेश/ ग्वालियर (Gwalior)।-: कोविड-19 (Covid)वायरस  के समय जहां देशभर के शहरों में लॉकडाउन सख्ती से पालन कराया जा रहा है। वहीं ग्रमीण क्षेत्र में फिलहाल ऐसी सख्ती नहीं दिखाई दे रही। कोरोना संक्रमण से शहरों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र फिलहाल सुरक्षित हैं। ऐसे में ग्रामीणों को शहर का जोखिम में जाना न  पड़े। इसके लिए बैंक बीसी,(BC) सीएससी(CSC) व ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। ग्वालियर जिले के 307 गांवों में इन दिनों घर-घर जाकर महिलाओं के जनधन खाते में आए कोरोना राहत राशि के 500 रुपयों का भुगतान किया जा रहा है।

उज्जवला (Ujjvla) गैस सिलेंडर की कीमत, वृद्धावस्था, दिव्यांग व विधवा पैंशन के 600 रुपये का भुगतान भी लाभार्थी के दर पर जाकर किया जा रहा है। अब राहत जहां बेहद बुजुर्ग, असहाय व दिव्यांगों के लिए खासी सुखद है। वहीं जरूरत के रुपये निकालने के लिए भी लोगों को गांव से शहर में लगे एटीएम(ATM) व बैंक(Bank) नहीं आना पड़ रहा है। जो कोरोना काल के इन दिनों में खासा जोखिम भरा हो सकता है। लीड बैंक मैनेजर सुशील कुमार(Sushil kumar) ने बताया कि 120 ग्रामीण डाक सेवकों के साथ ही 300 बैंक बीसी (बिजनेस करसपोंडेंट), 150 सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) को इस काम के लिए निर्देशित किया गया है। जिले के 307 में से अभी तक 271 गांवों में घर-घर जाकर भुगतान किया जा रहा है। 4, 5 व 6 मई तक तीन दिनों में 30 हजार लोगों को भुगतान किया गया है।

सैनिटाइजेशन के बाद बायोमेट्रिक डिवायस का इस्तेमाल

आधार इनेवल पेमेंट सर्विस एईपीएस(AEPS) के माध्यम से ग्रामीणों को उनके घर पर रुपयों का भुगतान किया जा रहा है। जिनके खाते आधार कार्ड से लिंक हैं, उन्हें ही सेवाएं मिल रही हैं। आम दिनों के अंदर कोरोना के इन दिनों में इस सेवा को संजीदगी के साथ देने के निर्देश जारी किए गए हैं। ग्रामीण डाक सेवक समेत अन्य कर्मचारी भुगतान के लिए बायोमेट्रिक डिवायस अपने साथ रखते हैं। हर दूसरे व्यक्ति के इस्तेमाल से पहले मशीन व व्यक्ति के हाथ को सैनिटाइज किया जाता है, जिसके बाद अंगूठा लगवाकर भुगतान किया जाता है।

कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन प्रभावी है, ऐसे में ग्रामीणों को शहर आने का जोखिम व असुविधा न उठाना पड़े। इसके लिए गांवों में जाकर भुगतान तेजी से करने के निर्देश दिए हैं। पंचायत भवन व घर-घर जाकर लोगों को बायोमेट्रिक की सहायता से भुगतान हो रहा है, सैनिटाइजेशन का विशेष ख्याल रखा जाता है। इससे बैंकों में भीड़ नहीं होगी, ग्रामीणों के साथ बैंककर्मी व अन्य लोग भी सुरक्षित रहेंगे। -सुशील कुमार, लीड बैंक मैनेजर, ग्वालियर

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