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JNU फीस मामले में 1200 छात्रों को मिली राहत, दिल्ली हाईकोर्ट ने पुरानी फीस पर ही रजिस्ट्रेशन करने का सुनाया फैसला

  • (JNUSU) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से फिलहाल राहत मिलती दिख रही
  • शुक्रवार को हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी के 1200 छात्रों की पुरानी फीस पर ही रजिस्ट्रेशन करने का फैसला सुनाया
  • छात्रों से रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा हॉस्टल फीस भी पुराने रेट के मुताबिक लिया जाए
  • दिल्ली हाईकोर्ट में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष की याचिका पर एक घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई
  • जेएनयू प्रशासन ने की MHRD और UGC को पार्टी बनाने की मांग

नई दिल्ली : आयुषी जैन : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (JNUSU) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से फिलहाल राहत मिलती दिख रही है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी के 1200 छात्रों की पुरानी फीस पर ही रजिस्ट्रेशन करने का फैसला सुनाया. बाद में हाईकोर्ट तय करेगा कि बढ़ी हुई फीस देनी है या नही. साथ ही हाईकोर्ट ने जेएनयू फीस बढ़ोतरी मामले (Jnu Fee Hike Case) पर आदेश देते हुए कहा कि जिन 1200 छात्रों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनसे पुराने फीस मैन्युअल के मुताबिक फीस लिया जाए. चूंकि दिल्ली में विधानसभा चुनाव है इसलिए इसका राजनीतिकरण न हो. छात्रों से रजिस्ट्रेशन फीस के अलावा हॉस्टल फीस भी पुराने रेट के मुताबिक लिया जाए.

नए फीस मैन्युअल पर जारी की नोटिस
नए फीस मैन्युअल पर जेएनयू प्रशासन, एमएचआरडी, यूजीसी को भी हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया. दिल्ली हाईकोर्ट में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष की याचिका पर एक घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई हुई.

March against Fee Hike

 

हाईकोर्ट ने बताया क्या सही है क्या गलत
हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन की दलीलें सुनने के बाद कहा कि ये सही नहीं है कि आप कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे लोगों की सैलरी छात्रों से फीस बढ़ा कर लेंगे. दरअसल, जेएनयू प्रसाशन के तरफ से पेश वकील एएसजी पिंकी आनंद ने कहा कि जेएनयू में 400 से ज्यादा स्टाफ कॉन्ट्रैक्ट पर काम करता है और अब उनकी सैलरी यूजीसी या एमएचआरडी नहीं देगी. लिहाजा, छात्रों से फीस बढ़ोतरी का फैसला लिया गया ताकि उन लोगों को यूनिवर्सिटी सैलरी दे पाए.

90 फीसदी छात्र करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन
जेएनयू की तरफ से कोर्ट में यह भी कहा गया कि 90 फीसदी छात्र रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. साथ ही यह भी जानकारी दी गई कि सिर्फ 1200 छात्रों ने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है.

जेएनयू प्रशासन ने की MHRD और UGC को पार्टी बनाने की मांग
जेएनयू प्रशासन ने हाईकोर्ट से यह भी कहा कि इस मामले में एमएचआरडी, यूजीसी को भी पार्टी बनाया जाना चाहिए. क्योंकि दोनों के साथ छात्रसंघ लगातार फीस बढ़ोतरी पर बातचीत कर रहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि बातचीत बंद नहीं होनी चाहिए. बातचीत से अगर हल निकलता है तो ठीक है वरना कोर्ट आखिरकार इस पर अपना फैसला सुनाएगा.

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में 1200 छात्रों को रिलीफ देते हुए उन्हें पुराने फीस मैन्युअल के मुताबिक रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले का जेएनयू छात्रसंघ ने स्वागत किया है.
नए फीस मैन्युअल पर हाईकोर्ट ने यूजीसी, एमएचआरडी, जेएनयू प्रसाशन को नोटिस जारी किया है. 28 फरवरी को दोबारा हाईकोर्ट इस मामले पर सुनवाई करेगा. कोर्ट में जेएनयू छात्र संघ द्वारा जेनएयू प्रशासन पर आरोप लगाया गया कि किसी भी मीटिंग में जेएनयू प्रसाशन उन्हें नहीं बुलाता.

साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि सुनवाई के अंत मे फैसला सुनाते वक्त कोर्ट ये फैसला सुनाएगा की जिन 90 फीसदी छात्रों ने रजिस्ट्रेशन फीस बढ़ने के बाद कराया है. उन्हें जेएनयू प्रशासन फीस लौटाएगा या नहीं. जिन 1200 छात्रों को हाईकोर्ट ने छूट दी है उन्हें बढ़ी फीस देना है या नहीं, इसका निर्णय अंत में होगा.

गौरतलब है, रजिस्ट्रेशन कराकर सभी छात्र क्लास शुरू करे. देखना होगा कि बढ़ी हुई फीस पर एमएचआरडी, यूजीसी और जेएनयू प्रशासन हाईकोर्ट में क्या जवाब दायर करते है और तब हाईकोर्ट क्या फैसला सुनाता है.

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