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क्या आपको पता है भारत की आर्थिक नैया डूब रही है ? पढ़ें पूरी खबर

भारत की आर्थिक वृद्धि दर में चल रही गिरावट लगातार छठी तिमाही 2019 जुलाई-सितंबर में जारी रही | मंगलवार को इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च जो की भारत की सबसे सम्मानित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है और भारत के क्रेडिट बाजारों को सटीक, समय पर और संभावित क्रेडिट राय प्रदान करती है, उसने अपनी आकलन रिपोर्ट में चालु वर्ष के लिए चौथी बार सकल घरेलू उत्पाद यानी GDP वृद्धि दर के अनुमान को और कम किया | जुलाई-सितम्बर तिमाही में इस बार 4.7 फीसदी रहने का अनुमान है | 

आकलनों के अनुसार :- 
जब सरकार कंपनी कर में कटौती एवं राजकोषीय प्रोत्साहन के कई कदम उठाए गए तब जाके यह अनुमान आया है की 2012 के बाद लगातार छठी तिमाही होगी जब GDP वृद्धि दर घटेगी | एजेंसी द्वारा नए आंकड़ों की समीक्षा ज़रूरी पड़ गयी क्यूंकि एजेंसी ने एक महीने पहले इसका अनुमान 6.1 फीसदी लगाया था और उच्च आवृत्ति वाला आंकड़ा है की 2019-20 की दूसरी तिमाही का वृद्धि दर फीसदी 5 से अधिक अनुमान किया जा रहा था किन्तु वह खरा नहीं उतरा, नए अनुमान के अनुसार चालु वर्ष में दूसरी तिमाही में 4.7 फीसदी रह सकती है | 
 
क्या हैं इसके प्रभाव ? 
2019-20 की दूसरी छमाही का अनुमान 6.2 फीसदी है, समस्या गैर-बैंकिंग वित्तियों कंपनियों से शुरू हुई और अब खुदरा कंपनियों, वाहन कंपनियों, मकान बिक्री और भारी उद्द्योग कम्पनियाँ इससे प्रभावित हुए | सोचने वाली बात तो यह है की यह स्तिथि तब है जब मोदी सरकार ने आर्थिक वृद्धि को थामने के लिए कदम उठाया है | 

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