तारा घाटी पर चल रहे मृदा और जल संरक्षण प्रोजेक्ट का कलेक्टर ने किया निरीक्षण
धार से मनीष आमले की रिपोर्ट – मालवा को निमाड़ से जोड़ने वाली सरदारपुर जनपद की तारा घाटी पर मृदा और जल संरक्षण का एक बड़ा प्रोजेक्ट चल रहा है। एक ही साल में इस पहाड़ी के 2475 मीटर पर कंटूर बनाए जा चुके हैं, जबकि 1200 मीटर की बोल्डर वाल भी तैयार है। शुक्रवार को कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने तारा घाटी पर चल रहे प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया तो पहाड़ी इलाका देख बोल पड़े, जगह ढाल मिट्टी देख कर ही पौधों की प्रजाति का चयन करना।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संतोष वर्मा ने बताया कि नर्मदा पुनर्जीवन, मृदा और जल संरक्षण का प्रोजोक्ट काफी बड़ा है, जिसकी लागत करीब 8 करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट को 5 वर्ष में पूरा करना है, जबकि पहले ही साल में लगभग 30 फीसदी काम हो चुका है। सरदारपुर जनपद की सब इंजीनियर बबीता राज के अनुसार कोरोनावायरस के बीच लॉकडाउन के चलते भारी बेरोजगारी में जीवन यापन कर रहे आदिवासी लोगों को तारा घाटी प्रोजेक्ट से बड़ा रोजगार मिला है। इस वर्ष 9200 मानव दिवस में 2475 मीटर पर कंटूर, 1200 मीटर पर बोल्डर वाल, 980 मीटर की फील्ड बंडिंग के अलावा 600 पौधे रोपे जा चुके हैं जबकि 400 पौधे रोपने की तैयारी हो चुकी है. साथ ही 1000 से ज्यादा बीज का रोपण भी किया जा रहा है।
तारा घाटी प्रोजेक्ट की कुछ जानकारी
- कंटूर की संख्या या लंबाई 2475 मीटर
- बोल्डर वालों की लंबाई 1200 मीटर
- फील्ड बंडिंग की लंबाई 980 मीटर
- पौधारोपण की संख्या 600 पौधे
- प्रस्तावित की संख्या 400 पौधे
- बीज रोपण 1000 से ज्यादा