कोयला संकट : सरकार ने उठाया ये कदम, मध्यप्रदेश में फिर बढ़ेंगे बिजली के दाम!
जबलपुर : बीती 10 अप्रैल से मध्य प्रदेश में बिजली की दर 2.64 फीसदी बढ़ चुकी है। हालांकि, बिजली कंपनियों ने प्रदेश में बिजली की दर 8.71% बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन उन्हें केवल 2.64 फीसदी ही बिजली दर बढ़ोतरी की मंजूरी दी गई। लेकिन, चुकी इस समय प्रदेश में कोयले का भारी संकट देखा जा रहा है, इसके साथ ही विदेश से कोयला मंगाने की भी कवायद चल रही है, ऐसे में कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बिजली के दाम बढ़ सकते है।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश सरकार ने साढ़े 7 लाख मैट्रिक टन कोयला आयात करने के लिए जो ग्लोबल टेंडर (इंटरनेशनल कंपीटिटिव बिडिंग) जारी किया है, उसकी दरें कोयले की वर्तमान दरों से कई गुना महंगा है। 976 करोड़ रुपये के इस टेंडर का कोयला लगभग 13000 रुपये प्रति टन बैठ सकता है, जो विदेशों से आयात किया जाएगा।
पूर्व एग्जीक्यूटिव चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल बताते है की केंद्र सरकार के फरमान के बाद आनन-फानन में बिजली कंपनियों ने जो टेंडर जारी किया है उसकी दर 13000 प्रति क्विंटल है। इस हिसाब से कंपनियों को कोयला कई गुना महंगा मिलेगा। साथ ही, बिजली का बिल भी बढ़ जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक बिजली की दरों में लगभग 15 फीसदी की वृद्धि हो जाएगी, जो प्रति यूनिट 1 रुपये से ज्यादा की हो सकती है।
वहीं, विद्युत मामलों के जानकार बताते हैं कि हाल ही में हुआ यह टेंडर न केवल कई गुना महंगा है, बल्कि इसकी प्रक्रिया भी शुद्ध नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली के उत्पादन और टैरिफ के लिए मैनेजमेंट कंपनी से परामर्श लिया जाना था। साथ ही, इसके लिए विद्युत नियामक आयोग से भी अनुमति ली जानी थी।