केंद्र ने मप्र को नहीं दी GST की पूरी राशि, CM Shivraj फिर कर्ज़ लेने के मूड में!
भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार इस समय आर्थिक संकट से गुज़र रहीं हैं। दरअसल, अतिवर्षा के कारण किसानों की फसल खराब हो गई हैं। वहीं, कोरोना के चलते बीते 5 माह से बसों के पहिए जाम हैं। बस आपरेटर टैक्स माफ किए जाने पर अड़े हैं। इधर, कर्मचारियों को डीए वेतनवृद्धि चाहिए। पेंशनर्स एरियर समेत अन्य आर्थिक मांगों पर अड़े हैं। ऐसे में इन सबकी समस्याओं का निपटारा करना शिवराज सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया हैं।
वहीं, दूसरी तरफ (GST) की क्षति पूर्ति मामले में केंद्र सरकार के हाथ खड़े कर देने से राज्य की चिंता और बढ़ गई हैं। बता दे कि यह तीसरा मौका है जब मप्र को जीएसटी की पूरी राशि नहीं मिली। 2017-18 में राज्य को 3462 करोड़ मिलने थे पर केंद्र ने 951 करोड़ रोककर 2511 करोड़ रुपए दिए। शेष राशि अब तक नहीं मिली।
मध्यप्रदेश को केंद्र से 59,955 करोड़ रुपए की क्षति पूर्ति चाहिए, जबकि नई व्यवस्था की तहत वह 18 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज ले सकेगा।
इधर, सीएम शिवराज फिर से कर्ज लेने के मूड में हैं। सीएम शिवराज ने आरबीआइ व जीएसटी काउंसिल के अधिकारियों से चर्चा की हैं। सीएम ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कर्ज की अतिरिक्त सीमा के हिसाब से प्रस्ताव बनाने को कहा हैं।
इसके साथ ही ये भी तय किया है कि खुले बाजार से कर्ज लिया जाए।