जिस फैक्ट्री पर 8 विभागों ने मारा छापा , आखिर कैसे लगी उसमे आग , कोई साज़िश या दुर्घटना ,पढ़ें यह ख़ास रिपोर्ट
- कैसे लगी गुटखा फैक्ट्री में आग
- अगर फैक्ट्री सील थी तो उमसे कैसे मौजूद थे मजदूर
- EOW सभी दस्तावेज़ों को अपने साथ क्यों नहीं ले गयी
Bhopal news | गौतम :- बीती रात राजधानी में शायद कोई आग लगाऊ दस्ता घूम रहा था। अतिथि शिक्षकों के पंडाल में आग लगाने की घटना हो या बसों में आग लगाने वाली घटना। लेकिन सबसे बड़ी और अहम घटना हुई गोविंदपुरा स्थित कमला पसंद पान मसाला और राजश्री गुटखा फैक्ट्री में। इस फैक्ट्री में अंदाज़न शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गई।गौर कीजियेगा अभी तक यह साफ़ नहीं हुआ है कि आग कैसे लगी सिर्फ अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि शार्ट सर्किट इसकी वजह हो सकती है। यह महज़ इत्तेफ़ाक़ तो नहीं हो सकता कि जिस गुटखा फैक्ट्री पर कल EOW समेत सात विभागों के छापें पड़े हों वह इस तरह से इतनी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो जाए।
साज़िश या दुर्घटना
बता दें कि बीते 10 जनवरी को EOW समेत 7 विभागों ने गोविंदपुरा स्थित राजश्री फैक्ट्री पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में उक्त कंपनी पर 100 करोड़ की टैक्स चोरी का पता चला था। जिसके बाद से हीं उस फैक्ट्री को State GST ने सील कर दिया था। यहाँ तक की EOW और State GST ने अपने दो सुरक्षाकर्मियों को भी यहाँ पर तैनात कर दिया था। तैनात गार्डों के अनुसार रविवार रात करीब 12 बजकर 15 मिनट पर उनलोगों ने फैक्ट्री से धुंआ निकलते देखा। इसके बाद इसकी सूचना अविलम्ब सम्बंधित थाने एवं फायर ब्रिगेड को दी गई। अब सवाल यह आता है कि यह आग उसी समय क्यूँ लगी जब इस कंपनी पर इतने बड़े टैक्स चोरी का आरोप लगा हो। जहाँ आग लगी वहां हज़ारों क्विंटल सुपारी का स्टॉक था साथ हीं वहां पर सुपारी क्रश करने वाली मशीने भी रखी हुई थी।वह तो भला हो फायर ब्रिगेड का जिसने समय रहते आग पर काबू पा लिए अन्यथा मामला और भी ज्यादा गंभीर हो सकता था।
मौके पर पहुंची जांच एजेंसी
आग की खबर पाते हीं EOW और State GST विभाग ने मौके पर पहुँच कर पंचनामा बनाया। शुरूआती जांच में शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की बात सामने आ रही है। गनीमत यह रही कि यह आग गुटखा कारोबार से जुड़े दस्तावेजों तक नहीं पहुंची अन्यथा जांच एजेंसियों की मेहनत पर पानी फिर सकता था। ज्ञात हो कि सभी दस्तावेज़ सबसे ऊपरी मंज़िल पर रखे हुए थे जिसकी वजह से आग उन दतावेज़ों तक नहीं पहुंची।
शिकायत नहीं करवाई गई दर्ज़
अशोका गार्डन थाना प्रभारी उमेश यादव के अनुसार आग किन कारणो से लगी यह अभी तक साफ़ नहीं हो पाया है। वहीँ उन्होंने यह भी बताया कि किसी ने भी इस मामले में कोई शिकायत दर्ज़ नहीं करवाई है।
संचालक पर होगा मुक़दमा , सख्त हुआ EOW
गुटखा फैक्ट्री संचालक कमलकांत चौरसिया के खिलाफ EOW और State GST मुक़दमा दर्ज़ करेगी। चौरसिया पर आर्थिक अपराध और टैक्स चोरी कर सरकारी ख़ज़ाने को नुकसान पहुंचाने का मुक़दमा दर्ज़ होगा। EOW ने सभी सम्बंधित विभागों से अपने-अपने कानूनों के अनुसार रिपोर्ट मांगी है जिसके बाद EOW अपने स्तर पर चौरसिया के ख़िलाफ़ कार्रवाई करेगी।
फैक्ट्री में सो रहे थे मजदूर
अगर विभिन्न विभागों के छापे के बाद उस फैक्ट्री को सील कर दिया गया था। तो आखिर कैसे उस बंद फैक्ट्री के अंदर मजदूरों को प्रवेश मिला। एक स्थानीय अखबार की माने तो जिस वक़्त आग लगी उस वक़्त उस फैक्ट्री में 60 मजदूर सो रहे थे। अगर इन मजदूरों के साथ कोई घटना हो जाती तो इसका ज़िम्मेदार कौन होता गुटखा किंग कमलकांत या फिर सम्बंधित विभाग।
अगर देखा जाए तो इस मामले में दोनों पक्ष बराबर के दोषी हैं। क्यों सम्बंधित दस्तावेज़ों को जब्त कर EOW अपने साथ नहीं ले गयी ? अगर फैक्ट्री सील था और काम रुका हुआ था तो उसमे मजदूर क्या कर रहे थे ? सवाल अनेक है पर इनके जवाब की ज़िम्मेदारी कौन लेगा।