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विजयवर्गीय की जान को खतरा? बांग्लादेशी आतंकवादी कर रहा था "रेकी", बढ़ाई गई सुरक्षा

मध्यप्रदेश/इंदौर – भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने गृहनगर में 'लोकतंत्र-संविधान-नागरिकता' विषय पर आयोजित परिसंवाद से उन्होंने सीएए की वकालत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'भ्रम और अफवाहों के चक्कर में मत आइए। सीएए देश के हित में हैं। यह कानून भारत में वास्तविक शरणार्थियों को शरण देगा और उन घुसपैठियों की पहचान करेगा जो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिये खतरा हैं। 

इसके साथ ही विजयवर्गीय ने एक चौका देने वाला खुलासा किया। जिसको सुनने के बाद वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। कैलाश विजयवर्गीय ने इस बात का दावा किया कि यहां उनके घर के निर्माण कार्य में संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक मजदूर के रूप में काम कर रहे थे। साथ ही कहा कि बांग्लादेशी आतंकवादी ने मेरी जासूसी भी की थी। 

विजयवर्गीय ने इस बात का भी दावा किया कि बांग्लादेश का एक आतंकवादी पिछले डेढ़ साल से उनकी 'रेकी' (नजर रखना) कर रहा था। 

उन्होंने कहा, 'मैं जब भी बाहर निकलता हूं, तो छह-छह बंदूकधारी सुरक्षा कर्मी मेरे आगे-पीछे चलते हैं। यह देश में आखिर क्या हो रहा है? क्या बाहर के लोग देश में घुसकर इतना आतंक फैला देंगे?

कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि यहां उनके घर में नए कमरे के निर्माण कार्य के दौरान उन्हें छह-सात मजदूरों के खान-पान का तरीका थोड़ा अजीब लगा, क्योंकि वे भोजन में केवल पोहा (नाश्ते के रूप में खाया जाने वाला स्थानीय व्यंजन) खा रहे थे। उन्होंने कहा कि सुपरवाइजर से बातचीत के बाद उन्हें संदेह हुआ कि ये श्रमिक बांग्लादेश के रहने वाले हैं। 

हालांकि जब मीडिया ने उनसे इस पर सवाल किया तो उन्होंने कहा की 'मुझे शंका थी कि ये मजदूर बांग्लादेश के रहने वाले हैं। मुझे संदेह होने के दूसरे ही दिन उन्होंने मेरे घर काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने आगे कहा कि, 'मैंने पुलिस के सामने इस मामले में फिलहाल शिकायत दर्ज नहीं करायी हैं। मैंने तो केवल लोगों को सचेत करने के लिए उन मजदूरों का जिक्र किया था।

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