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बड़वानी: 3 साल की बच्ची से 52 वर्षीय एक अधेड ने किया दुष्कर्म, पुलिस ने FIR दर्ज कर आरोपी को दबोचा  

आज का मानव बड़ी दयनीय स्थिति से गुज़र रहा हैं। जिसने मानवीय सवेदना को तारतार किया हैं। दुष्कर्म की घटना बड़वानी जिले के मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर की हैं। तहसील अंजड़ जो कि मध्यप्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन का छेत्र हैं। जहां श्रीराम कालोनीं में एक तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म का मामला सामने आया हैं। आरोपी पड़ोस में रहने वाले एक अधेड पुरूष हैं। वहीं पिडीता अंजड कि एक निजी स्कूल के जी फस्ट क्लास में पढ़ती हैं। पिडीता के पिता के मुताबिक, बच्ची ने माँ और भुआ को खुद हुए दुष्कर्म के बारे में रो-रोकर बताया था। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार अंजड में 3 साल की लड़की से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार पड़ोस के ही 52 वर्षीय एक अधेड पर दुष्कर्म का आरोप हैं। बताया जा रहा है कि ये घटना दिनांक 29/10/19 भाईदुज के दिन पडोस में रहने वाले परिवार कि बच्ची ने अपनी माँ और भुआ को अपने साथ घटी घटना बताई दो दिन बाद बच्ची की हालत खराब होने पर गुरुवार दोपहर बच्ची को बडवानी के एक निजी अस्पताल में दिखाने के बाद जिला चिकित्सालय में चेकअप कराया गया हैं। 

गुरूवार देर रात बच्ची के माता पिता और परिजनों ने आरोपी के खिलाफ अंजड थाना में पॉसको ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई हैं। परिजनों ने बताया कि मंगलवार को बच्ची पडोस के घर में हमेशा कि तरह खेलने गई थी। इस दौरान 3 साल की बेटी घर पर अकेली थी। बच्ची ने घर आकर माँ और अन्य लोगों को अपने आप ये बात बताई। परिवार वालों ने देखा कि लड़की के कपड़े अस्त-व्यस्त थे और वह रो रहीं थी। बेटी से पूछा तो उसने कहा कि पड़ोस में रहने वाले मुकेश जादम उम्र 52 वर्ष जो कि पेशे से विघुत विभाग में लाईनमैंन के पद पर पदस्थ है उसने अश्लील हरकत की। 

वहीं, देर शाम अंजड थाने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनिता रावत , डि एस पी प्रियंका डुडवे सहित फांरेंसिंक टिम के सदस्य पहुंचे। जिन्होंने बच्ची के परिजनों के बयान लेकर उचित कार्यवाही करने कि बात कहीं। गुरूवार देर रात आरोपित मुकेश जादम के खिलाफ अंजड थाना में पॉसको एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई हैं। थाना प्रभारी गिरीश कुमार कवरेती ने बताया कि आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। भादवी कि धारा 376 A/B, ST/SC पास्को एक्ट 3/4 , 5 M के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही हैं। 

डिस्क्लेमर: सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार इस खबर में पीड़िता की निजता का सम्मान करते हुए उनकी पहचान उजागर नहीं की गई हैं। 

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