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मुख्यमंत्री पद का लालच देकर समर्थन लेना खरीद फ़रोख़्त नहीं है क्या ? :- अमित शाह 

नई दिल्ली :- आज गृह मंत्री अमित शाह ने एक निजी न्यूज़ चैनल पर पत्रकार द्वारा महाराष्ट्र मामलें पर सवाल पूछने के जवाब में यह कहाँ की 

  • मुख्यमंत्री पद का लालच देकर समर्थन लेना खरीद फ़रोख़्त नहीं है क्या?
  • मैं शरद जी और सोनिया जी को कहता हूँ कि एक बार बोलकर देखे की मुख्यमंत्री उनका होगा और फिर शिवसेना का समर्थन लें।
  • लगभग 100 सीटों वाला गठबंधन 56 सीट वाली पार्टी को मुख्यमंत्री पद दे रहा है ये खरीद फ़रोख़्त ही है।
  • शिवसेना के सभी विधायक हमारे साथ लड़कर ही चुनाव जीतें हैं।
  • उनका एक भी विधायक ऐसा नहीं है जिसने मोदी जी का पोस्टर ना लगाया हो। उनकी विधानसभाओं में भाजपा की विधानसभाओं से भी बड़े कटआउट्स मोदी जी के लगे थे। 

साथ ही उन्होंने कहाँ की 

  • क्या ये सब देश और महाराष्ट्र की जनता नहीं जानती है?
  • मैं पुनः स्पष्ट करता हूँ कि हमने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद का कोई आश्वासन कभी नहीं दिया।
  • हमने हर बार यहाँ तक कि जिन सभाओं में आदित्य ठाकरे या उद्धव जी हमारे साथ स्टेज पर थे हमने वहां भी कहा कि देवेन्द्र फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे, तब इन्होंने क्यों विरोध नहीं किया?

महाराष्ट्र में शिवसेना व भाजपा के संयुक्त सवाल पर उन्होंने कहाँ की :-

  • महाराष्ट्र के जनादेश का अपमान करने का काम शिवसेना ने किया है भाजपा ने नहीं।
  • विधायकों के कैम्प लगाने वालों, चुनाव से पहले का गठबंधन तोड़ने वालों को दोष ना देकर आज भाजपा का दोष बताया जा रहा है।
  • अपनी विचारधारा छोड़कर, सभी मूल्यों को त्यागकर ये 03 पार्टियां सरकार बनाने जा रही हैं।

बहरहाल यहाँ तो अमित शाह ने अपने बयानों से खुद को पाक साफ़ और दूसरों को भ्रष्टाचारी एवं अवसरवादी बताया। 
खैर राजनीति में यह तो चलता हैं ही साहब, की घटना और अवसर के बीच अक्सर नफ़ा और नुक्सान यदि हों तो लोग अपना पाला बदल लेते हैं और उन्हीं पुराने पासें पर अपनी नई चाल चलते हैं। 

 

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