सभी खबरें

दस साल बाद भी मटन मार्केट नहीं हुआ शिफ्ट, आज फिर से जागा प्रशासन

  • अभी तक मटन और मछली बाजार शिफ्ट करने के प्रशासन के तमाम प्रयास काफी नहीं
  • पुरानी जगह ही लग रही है दुकानें

अंजड। नगर के बायपास रोड भोंगली नदी के किनारे पर लंबे समय से मटन मार्केट लगता आ रहा है. प्रशासन ने यहाँ लगने वाली दुकानों को साल 2010 में 16 लाख से अधिक की लागत से बने स्लॉटर हाउस में शिफ्ट करने के काफी प्रयास किए. लेकिन ये प्रयास सफल नहीं हुए. 

प्रशासन न तो मटन मार्केट को शिफ्ट करा पाया है और न ही सब्जी मंडी को. ये दोनों ही अपने पुराने स्थान पर ही लग रही है. आज एसडीएम वीरसिंह चौहान ने मौके पर पहुंचकर दुकानदारों को समझाते हुए दुकानें हटाने का अल्टीमेटम दिया. और मांस और मछली विक्रेताओं को नगर में बनाए गए स्लाटर हाउस में दुकानें लगाने को भी कहा गया. जिस पर स्थानीय मटन दुकानदार सगीर कुरैशी, रफिक कुरैशी और लतीफ कुरैशी ने कहा कि वे दुकानों को स्थानांतरित कर तो लेंगे मगर वहां उचित प्रबंध नहीं है. साथ ही सभी दुकानदारों के लिए दुकानें उपलब्ध नहीं है.

गौरतलब है कि अंजड में 32 से ज्यादा मटन और चिकन की दुकान है और स्लाटर हाउस में केवल 20 दुकानें ही बनाई गई है. अल्टीमेटम के बाद आज दोपहर मांस और मछली की दुकानों को हटाने के लिए तहसीलदार सविता चौहान, सि.एम.ओ. अमरदास सैनानी और थाना प्रभारी गिरीश कवरेती पहुँचे. उनके साथ थाना स्टाफ व नगर परिषद से कुछ लोग भी मटन मार्केट को शिफ्ट करने के लिए मौके मौजूद रहे.

तहसीलदार व सिएमओ ने मांस विक्रेताओं से बात करते हुए कहा कि सभी पुराने दुकानदारों को दुकानें एलॉट कर दी गई है. साथ ही दुकाने लगाने के बाद जल्द ही अन्य तमाम इंतजाम करने की बात भी कही गई. दुकानदारों ने तहसीलदार के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि नगर परिषद हमारे लायसेंस नही बनवा रही है. कुछ ही लोगों के लायसेंस बनाए गए है और हमे लायसेंस के नाम पर दौडाया जा रहा है.

पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष व मांस दुकानदार अब्दुल मजीद कुरैशी ने बताया- “ये हमारा पुश्तैनी काम है. नगर में बने स्लाटर हाउस में पर्याप्त जगह नहीं है. नगर में 32 से अधिक दुकानदार है. खाद्य विभाग से लायसेंस बनवाने के लिए नगर परिषद की मंजूरी लगती है. नगर परिषद ने कुछ लोगों के लायसेंस बनवा दिये है. वर्तमान नगर परिषद अध्यक्ष ने हमें आश्वासन दिया था कि फुटला तालाब किनारे सभी को दुकाने दी जायेगी. अब ऐसे में बिना व्यवस्था के दुकानों को स्लाटर हाउस में शिफ्ट कराना कितना जायज है.” 

यातायात में भी आती है दिक्कत

बायपास सडक किनारे दुकानें लगने के कारण यहां से वाहनों की आवाजाही जारी रहती है. सोमवार को हाट बजार के दिन बायपास मार्ग पर यातायात का दबाव रहता है. इस दौरान दुकानों पर सुबह से शाम तक खरीदारों की भी भीड़ बनी रहती है. ऐसे में किसी बड़े हादसे का अंदेशा बना रहता है. वहीं आसपास के रहवासियों ने कई बार इसकी शिकायत कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य जगहों पर की है.  

सि.एम.ओ. नगर परिषद अमरदास सैनानी ने क्या कहा ?

रोड किनारे जो मटन और मछली की दुकानें लगी हुई हैं, उन्हें एक दिन की लिखित में मोहलत मांगने पर आज छोड दिया गया है. मंगलवार से निर्धारित स्थान स्लाटर हाउस में ही दुकानदार दुकानों को लगायेंगे. फिर भी दुकानदार यहां दुकाने लगायेंगे तो कल उनका सारा सामान जब्त कर लिया जायेगा और किसी राजनीतिक दबाव में भी छोडा नहीं जायेगा. 

एस.डी.एम. वीरसिंह चौहान ने क्या कहा ?

रोड किनारे लगी अवैध मांस-मछली विक्रय करने वाली दुकानों को किसी भी स्थिति में यहां से हटना ही है. यदि कोई भी यहां से हटने में आनाकानी करेगा तो वैधानिक कार्यवाई की जायेगी. स्लाटर हाउस में दुकानदारों की मांग के अनुसार कमी पूरी की जायेगी.

स्लॉटर हाउस की व्यवस्था तस्वीरों में देखिए-

स्लॉटर हाउस में काफी गंदगी है. ऐसे में कल से यहाँ मांस की दुकानें कैसे लग सकेगी ? यह भी बड़ा सवाल है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button